Thursday, July 11, 2013

मुहम्मद अल-गज्जी कविता

मुहम्मद अल-गज्जी की एक कविता... 








कलम : मुहम्मद अल-गज्जी 
(अनुवाद : मनोज पटेल) 

एक कलम थामो अपनी कांपती उँगलियों से 
और विश्वास करो, भरोसा रखो पूरा 
कि आसमानी रंग की एक तितली है पूरी दुनिया 
और जाल हैं शब्द उसे पकड़ने के लिए. 
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