tag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post1957402284503222701..comments2024-03-19T13:02:39.405+05:30Comments on पढ़ते-पढ़ते: दून्या मिखाइल : समुद्र से बिछड़ी एक लहर की डायरीमनोज पटेलhttp://www.blogger.com/profile/18240856473748797655noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-16760973088130226082012-11-27T17:14:06.160+05:302012-11-27T17:14:06.160+05:30बहुत अच्छी और मार्मिक कविता है आपके अनुबाद स्वाभाव...बहुत अच्छी और मार्मिक कविता है आपके अनुबाद स्वाभाविक है आपका काम मह्त्व का है<br />इसे एक किताब का रूप दिया जा सकता है ताकि यह और लोगो तक पहुचे<br />सकविताओ से होकर हम अनुभव के नये संसार मे दाखिल होते हैंSwapnil Srivastavahttps://www.blogger.com/profile/10836943729725245252noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-88727341695880527182012-03-19T20:07:12.762+05:302012-03-19T20:07:12.762+05:30एक भव्य और उदात्त मृत्यु की यद् दिलाने वाली कविता....एक भव्य और उदात्त मृत्यु की यद् दिलाने वाली कविता.<br />भगत सिंह ने भी मरने की ऐसी ही तैय्यारी की थी, सहज, उद्दाम और जिन्दगी से भरपूर.<br />'राज्य और क्रांति' कवः पन्ना जहाँ तक पढ़ लिया था वहीँ मोड़ कर किताब रखी और चल पड़े थे मौत को गले लगाने.Digamberhttps://www.blogger.com/profile/13513290747757708417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-38136968680059881212012-03-19T19:04:33.232+05:302012-03-19T19:04:33.232+05:30आज आपके ब्लॉग पर बहुत दिनों बाद आना हुआ. अल्प काली...आज आपके ब्लॉग पर बहुत दिनों बाद आना हुआ. अल्प कालीन व्यस्तता के चलते मैं चाह कर भी आपकी रचनाएँ नहीं पढ़ पाया. व्यस्तता अभी बनी हुई है लेकिन मात्रा कम हो गयी है...:-)<br /><br />बेहतरीन चित्र के साथ उत्कृष्ट रचना पढने को मिली...बधाई स्वीकारें <br /> <br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-15368838441154876382012-03-19T15:57:32.945+05:302012-03-19T15:57:32.945+05:30waah...marm bhedi vichaar..Manoj..kripaya Rasool h...waah...marm bhedi vichaar..Manoj..kripaya Rasool hamzatov ki kavitaayon se mulakaat karvaaiye..shukriya..Ashwanihttps://www.blogger.com/profile/05654256842186582872noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-45548048046568935442012-03-19T11:02:45.479+05:302012-03-19T11:02:45.479+05:30सच! कभी कभी एक लम्हा ही पूरी ज़िन्दगी होता है...
ब...सच! कभी कभी एक लम्हा ही पूरी ज़िन्दगी होता है...<br />बेहद सुन्दर कविता हर शब्द हर पंक्ति पर आश्चर्यचकित करती सी!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-72332455265781031292012-03-19T10:42:32.472+05:302012-03-19T10:42:32.472+05:30क्या शुरुआत है! शायद ही कोई पाठक इन पंक्तियों के ल...क्या शुरुआत है! शायद ही कोई पाठक इन पंक्तियों के लिए तैयार कर सकता हो, अपने आपको. अद्भुत कविता है, अपनी पूरी बनावट और बुनावट में! एक-एक पंक्ति लाजवाब! और क्या अंत है!मोहन श्रोत्रियhttps://www.blogger.com/profile/00203345198198263567noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-1665726697985415412012-03-19T10:37:43.283+05:302012-03-19T10:37:43.283+05:30आह!!!!
बेहद मार्मिक.....
एक खाका खिंच गया दिमाग मे...आह!!!!<br />बेहद मार्मिक.....<br />एक खाका खिंच गया दिमाग में...कैसे होती है मरने की तैयारी...ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.com