tag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post2110674949138438562..comments2024-03-19T13:02:39.405+05:30Comments on पढ़ते-पढ़ते: एदुआर्दो गैल्यानो : किसानों की आत्महत्या खबर नहीं हैमनोज पटेलhttp://www.blogger.com/profile/18240856473748797655noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-62395663120519493702012-01-19T06:33:03.155+05:302012-01-19T06:33:03.155+05:30भारत में सरकारें किसानों से लूटकर पूंजीपतियों को...भारत में सरकारें किसानों से लूटकर पूंजीपतियों को बांटने का काम कर रही है जिसका नतीजा है -किसान आत्महत्या.rajeshhttps://www.blogger.com/profile/15066676115405092698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-50095529414507999372012-01-18T12:49:57.458+05:302012-01-18T12:49:57.458+05:30जय जवान जय किसान नारे को पीछे छोड़!
अपने राजतंत्र ...जय जवान जय किसान नारे को पीछे छोड़!<br />अपने राजतंत्र में केवल लूट खसोट की होड़!<br />लुप्त हुए अपनी संस्क्रति को दर्शाते पुस्तकालय!<br />और उनकी जगह ले गए गली गली मदिरालय!<br />गरीब के आसु देखें कौन जब इनकी ही कमर तोड़!<br />यह नेता सारे धन दौलत रहे अपने खाते में जोड़!<br />त्रासदी का आलम ऐसा की जीते जी मरता इनसान है!<br />जिसके खातिर विश्व पटल पर शर्मशार हिंदुस्तान है! <br />भूमि को सीच धरती की प्यास बुझाते किसान!<br />पर अपनी भूख मिटाने की अस्मर्थता से परेशान!<br />अस्मर्थता से उद्देलित हो गँवा बैठते अपनी जान!<br />लानत और मनानत इस राजतंत्र जो बन बैठा अनजान!<br />बेरोजगारी ने जाने कितने युवाओं के सपने दिए तोड़!<br />कर्म पथ भ्रमित कर कदम अपराधिकता पर दिए मोड़!<br />इस शोचनीय दशा पर मन विचलित घनघोर!<br />अपने ही अपने को लूटे तो कौन मचाये शोर!<br />जय जवान जय किसान नारे को पीछे छोड़!<br />अपने राजतंत्र में केवल लूट खसोट की होड़!Neeraj Saxena Poethttps://www.blogger.com/profile/11664744863964573694noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-62522770787910571932012-01-18T11:49:56.010+05:302012-01-18T11:49:56.010+05:30kahne ko hamara desh gaon ka desh hai par yaha vik...kahne ko hamara desh gaon ka desh hai par yaha vikas kewal shahro me hi dikhta. ek taraf jaha log luxury gadiyo me ghumte hain wahi doosri taraf ek bada tabka khane k liye tarasta hai. yah bahut hi bura haal hai is desh ka. kisan jo desh ki jaan hain unke liye sarkar ko neetiyan banani chahiye taki kisi kisan ko aisa kadam na uthana pade.Ankit Guptanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-29952492141029773332012-01-18T11:31:55.521+05:302012-01-18T11:31:55.521+05:30काश ! .......
उस बात को कहने के लिए मैं कुछ कान त...काश ! .......<br /><br />उस बात को कहने के लिए मैं कुछ कान तलाश रहा हूँ जो पता नही तलाश पाऊँगा या नहीं .अजेयhttps://www.blogger.com/profile/05605564859464043541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-10837820822874487252012-01-18T11:28:50.542+05:302012-01-18T11:28:50.542+05:30बहुत बड़ा तमाचा. और हमारी सभ्यता यह तमाचा डिज़र्व कर...बहुत बड़ा तमाचा. और हमारी सभ्यता यह तमाचा डिज़र्व करती है.अजेयhttps://www.blogger.com/profile/05605564859464043541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-59823758056092204612012-01-18T10:57:29.919+05:302012-01-18T10:57:29.919+05:30यह कविता चीख-चीख कर कहती है कि--"भारत किसानों...यह कविता चीख-चीख कर कहती है कि--"भारत किसानों का देश नहीं है ",यह आत्महत्या के लिए मजबूर किसानो का देश का देश है ताकि कृषी क्षेत्र पर पूंजीपतियों की कब्जेदारी स्थापित की जा सके और शहरों में सस्ता मजदूर उपलब्ध रहे ! आभार मनोज जी ! बेचैन कर गई यह कविता !अरुण अवधhttps://www.blogger.com/profile/15693359284485982502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-66115043791453005102012-01-17T23:55:59.248+05:302012-01-17T23:55:59.248+05:30सलाम गैलियानो...शायद तुम्हारा कहा इस देश के हुक्मर...सलाम गैलियानो...शायद तुम्हारा कहा इस देश के हुक्मरानों के कान तक पहुंचे...Ashok Kumar pandeyhttps://www.blogger.com/profile/12221654927695297650noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-4022923355218251622012-01-17T22:21:39.982+05:302012-01-17T22:21:39.982+05:30आत्महंता का बयान किसानों की शोचनीय दशा को बखूबी उज...आत्महंता का बयान किसानों की शोचनीय दशा को बखूबी उजागर करता है.इसके लिए नव्य-उदारवाद का पुराष्करण करने वाली सरकारी नीतियाँ जिम्मेदार हैं ,जिनमें तुरंत बदलाब की जरुरत है|shreesh rakesh jain https://www.blogger.com/profile/05820289114635027168noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-5949558521324271372012-01-17T22:03:39.515+05:302012-01-17T22:03:39.515+05:30कभी भारत भोजन करने के लिए काम करता था, अब भारत भोज...कभी भारत भोजन करने के लिए काम करता था, अब भारत भोजन बनने के लिए काम करता है.<br />हमारे लातिन अमरीकी दोस्त ने मेरे दिल की बात कह दी....Digamberhttps://www.blogger.com/profile/13513290747757708417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-34206939687256990992012-01-17T22:02:54.292+05:302012-01-17T22:02:54.292+05:30कभी भारत भोजन करने के लिए काम करता था, अब भारत भोज...कभी भारत भोजन करने के लिए काम करता था, अब भारत भोजन बनने के लिए काम करता है.<br />हमारे लातिन अमरीकी दोस्त ने मेरे दिल की बात कह दी....Digamberhttps://www.blogger.com/profile/13513290747757708417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-18764103540483344762012-01-17T21:58:05.285+05:302012-01-17T21:58:05.285+05:30सच है और दुखद भी ....
बेहतरीन पोस्ट.सच है और दुखद भी ....<br />बेहतरीन पोस्ट.vidyahttps://www.blogger.com/profile/07319211419560198769noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-46712793571929246612012-01-17T20:39:25.037+05:302012-01-17T20:39:25.037+05:30उद्वेलित करती है. आत्महत्या की कोशिश के बाद बचाए ज...उद्वेलित करती है. आत्महत्या की कोशिश के बाद बचाए जाने पर जो बयान है, किसान का वह सभ्यता और विकास की गौरव गाथा के गाल पर तमाचा है.मोहन श्रोत्रियhttps://www.blogger.com/profile/00203345198198263567noreply@blogger.com