tag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post2399174242875750657..comments2024-03-19T13:02:39.405+05:30Comments on पढ़ते-पढ़ते: रॉबर्ट ब्लॉय : कुछ लोगमनोज पटेलhttp://www.blogger.com/profile/18240856473748797655noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-29113091619747749242011-10-27T10:07:21.147+05:302011-10-27T10:07:21.147+05:30कहते हैं कि अगर एरिजोना में कोई तितली अपने पंख फड...कहते हैं कि अगर एरिजोना में कोई तितली अपने पंख फडफडाती है तो वो घटना कई घटनाओं से होते होते, यूरोप में तूफ़ान का कारण भी बन सकती है, सोचता हूँ कि अगले स्टॉप में 'कुछ लोगों' में से किसी एक के बस रुकवाने से अतीत में कितने ही एक्सीडेंट बचे होंगे ! कितनी ही बार, 'आदि आदि के हाशिये' में होना इसलिए पसंद करते है ये कुछ लोग, ताकि आपकी जगह शिलालेख में बन सके. एक अनजान कहीं यू. एस. या अफ्रीका में बैठा आपके जीवन में कितना प्रभाव डालता होगा, सोचा है?दर्पण साहhttps://www.blogger.com/profile/14814812908956777870noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-60512746950044604232011-10-19T07:25:37.720+05:302011-10-19T07:25:37.720+05:30इस कविता को पढ़ते ही खुद से जुड़े वो बहुत सारे ’कुछ ...इस कविता को पढ़ते ही खुद से जुड़े वो बहुत सारे ’कुछ लोग’ याद आ रहे हैं --..प्रशान्तhttps://www.blogger.com/profile/11950106821949780732noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-25184232121434888852011-10-18T22:08:21.461+05:302011-10-18T22:08:21.461+05:30एक अच्छी कविता का अच्छा अनुवाद।
इस समय (हिन्दी के...एक अच्छी कविता का अच्छा अनुवाद। <br />इस समय (हिन्दी के) साहित्यिक इलाके में राबर्ट ब्लाय की चर्चा नोबेल पुरस्कार विजेता टॉमस ट्रांसट्रोमर की कविताओं के अनुवादक के रूप में खूब हो रही है लेकिन आपने उनके कवि पक्ष को सामने रखा । बहुत बढ़िया।siddheshwar singhhttps://www.blogger.com/profile/06227614100134307670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-21228437802611140912011-10-18T16:29:06.368+05:302011-10-18T16:29:06.368+05:30आपकी इस पोस्ट को पढ़कर जाने क्यूँ एक पूरानी हिन्दी...आपकी इस पोस्ट को पढ़कर जाने क्यूँ एक पूरानी हिन्दी फिल्म का एक गीत याद आया "कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना ".... <br />समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है <br />http://mhare-anubhav.blogspot.com/2011/10/blog-post_18.htmlPallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-57370672376121807852011-10-18T10:45:05.514+05:302011-10-18T10:45:05.514+05:30कुछ लोगों को गम सहने की इतनी आदत होती है
खुशियाँ आ...कुछ लोगों को गम सहने की इतनी आदत होती है<br />खुशियाँ आकर दस्तक दें तो उनको दिक्कत होती है<br />आँसूं आहें और तड़प ये उनके साथी होते है <br />इन को पाल पोस कर रखना उनकी फितरत होती है<br />खुशियों के चंद पल भी उनको होते बर्दाश्त नहीं <br />ये सोच के भी वो रो लेते, के हम क्यूँ उदास नहीं<br />ऐसे लोगों के संग रहना किसी के बस की बात नहीं <br />वो जीवन बस कटा करते ,जीने में विश्वास नहीं <br />खुशियों की अमृत वर्षा , ईश्वर तो हर दम करते है<br />समझदार उसे पीते रहते और मुर्ख कहते, अभी प्यास नहीं.avanti singhhttps://www.blogger.com/profile/05644003040733538498noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-32642929043339222942011-10-18T10:07:10.406+05:302011-10-18T10:07:10.406+05:30लोग,लोग,लोग .....कई तरह के लोग ! कुछ तरह के लोगों ...लोग,लोग,लोग .....कई तरह के लोग ! कुछ तरह के लोगों के बारे में सुशीला जी भी बता रहीं हैं ! बेहतरीन अनुवाद मनोज जी ! <br />मुझे तो लगता है कि जितने लोग ,उतनी ही तरह के !अरुण अवधhttps://www.blogger.com/profile/15693359284485982502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-9630923626907198982011-10-18T09:28:55.981+05:302011-10-18T09:28:55.981+05:30कुछ सरल रेखाएं
सतरें खींचती हैं
जोड़ती हैं शब्द ...कुछ सरल रेखाएं <br />सतरें खींचती हैं <br />जोड़ती हैं शब्द <br />नहीं होते उनके लिए अर्थ, <br />एक सुनहली सरल रेखा <br />हर सुबह चुपचाप <br />झाँकती है खिड़की की झिर्रियों से <br />जूझती है अभिशप्त अंधेरों से,<br />अनंत आकाश में टूटता तारा भी <br />छोडता है एक सरल रेखा <br />मन ही मन बुदबुदाते हैं हम <br />कोई प्रार्थना, कोई नाम..!<br />(कुछ लोग सरल रेखाएं होते हैं )सुशीला पुरीhttps://www.blogger.com/profile/18122925656609079793noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-25702459336704929612011-10-18T09:08:49.214+05:302011-10-18T09:08:49.214+05:30Logon ka aur khud apne aap ka achchha vishleshan.....Logon ka aur khud apne aap ka achchha vishleshan..Reena Satinnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-60203821339849505322011-10-18T09:03:37.019+05:302011-10-18T09:03:37.019+05:30'कुछ लोग नहीं होते अस्तित्व में
कुछ लोग होते ह...'कुछ लोग नहीं होते अस्तित्व में<br />कुछ लोग होते हैं'. जिंदगी में लोगों की आवा-जाही पर एक आत्मीयतापूर्ण टिप्पणी, एक सहज कविता के रूप में.मोहन श्रोत्रियhttps://www.blogger.com/profile/00203345198198263567noreply@blogger.com