tag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post370023334440010604..comments2024-03-19T13:02:39.405+05:30Comments on पढ़ते-पढ़ते: बिली कालिन्स : कविता का असली मतलबमनोज पटेलhttp://www.blogger.com/profile/18240856473748797655noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-6181200103417023432011-09-21T19:14:18.833+05:302011-09-21T19:14:18.833+05:30bahut sundar kavita...bahut sundar kavita...leena malhotrahttp://www.facebook.com/leena.m.r.noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-46382092747011850962011-09-18T07:29:29.908+05:302011-09-18T07:29:29.908+05:30''मगर वे तो सिर्फ
कविता को कुर्सी से बाँध...''मगर वे तो सिर्फ <br />कविता को कुर्सी से बाँधकर <br />उससे जबरन कुछ कबूलवाना चाहते हैं''<br />........................... और यहीं से शुरू हो जाता है कविता का निर्वासन अपने ही घर से !सुशीला पुरीhttps://www.blogger.com/profile/18122925656609079793noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-70362768423275860192011-09-17T22:31:44.261+05:302011-09-17T22:31:44.261+05:30आजकल के आलोचकों पर करारा व्यंग करती है कविता !क...आजकल के आलोचकों पर करारा व्यंग करती है कविता !कविता को समझने की तमीज सिखाई है बिली कालिंस ने इसके जरिये !बहुत अच्छी इस कविता के अनुवाद और शेयरिंग के लिए धन्यवाद मनोज जी !अरुण अवधhttps://www.blogger.com/profile/15693359284485982502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-90313326271282991972011-09-17T17:15:38.744+05:302011-09-17T17:15:38.744+05:30बहुत अच्छी कविता है .. कवि से बहुत कुछ कहती
मैं कह...बहुत अच्छी कविता है .. कवि से बहुत कुछ कहती<br />मैं कहता हूँ कविता के भीतर एक चूहा छोड़ो<br />और उसे बाहर निकलने का अपना रास्ता तलाशते देखो... ये बिलकुल 'who moved my cheese 'की तरह है .<br />या फिर एक irony ::मगर वे तो सिर्फ<br />कविता को कुर्सी से बांधकर<br />उससे जबरन कुछ कबुलवाना चाहते हैं.<br /><br />वे उसे पीटने लगते हैं एक पाइप से<br />उसका असली मतलब जानने के लिए.<br /><br /><br />कविता को कहती कविता ..अपर्णा मनोजhttps://www.blogger.com/profile/03965010372891024462noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-47483259924771289572011-09-17T16:05:55.423+05:302011-09-17T16:05:55.423+05:30बहुत अछी कविता...उतना ही अच्छा अनुबाद ....तभी तो ....बहुत अछी कविता...उतना ही अच्छा अनुबाद ....तभी तो ..पढ़ते -पढ़ते न पढ़ा जाय तो पेट में कविता का चूहा दौड़ता रहता है .......डा. आर. डी. प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/02049401828277649188noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-38633571431461774682011-09-17T12:28:03.679+05:302011-09-17T12:28:03.679+05:30bahut khoob..... ye share kar raha hoon .bahut khoob..... ye share kar raha hoon .अजेयhttps://www.blogger.com/profile/05605564859464043541noreply@blogger.com