tag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post5553186491539639372..comments2024-03-19T13:02:39.405+05:30Comments on पढ़ते-पढ़ते: जिबिग्न्यु हर्बर्ट की तीन गद्य कविताएँमनोज पटेलhttp://www.blogger.com/profile/18240856473748797655noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-59510420793472772812012-01-20T23:45:35.386+05:302012-01-20T23:45:35.386+05:30शराबी होना कोई बुरी बात नहीं है.......क्योंकि एक घ...शराबी होना कोई बुरी बात नहीं है.......क्योंकि एक घूंट पीने के बाद...........यदि खोपड़ी वाला है, तो अंदर की बात जान जाता है.......मतलब खगोलशास्त्री होता है.....आज समझ में आया पीना कितनी अच्छी बात है .....यह बताने के लिए बहुत-बहुत आभार सर जी.....!!डा. आर. डी. प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/02049401828277649188noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-54111463066993161442012-01-20T23:45:09.706+05:302012-01-20T23:45:09.706+05:30शराबी होना कोई बुरी बात नहीं है.......क्योंकि एक घ...शराबी होना कोई बुरी बात नहीं है.......क्योंकि एक घूंट पीने के बाद...........यदि खोपड़ी वाला है, तो अंदर की बात जान जाता है.......मतलब खगोलशास्त्री होता है.....आज समझ में आया पीना कितनी अच्छी बात है .....यह बताने के लिए बहुत-बहुत आभार सर जी.....!!डा. आर. डी. प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/02049401828277649188noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-8565745774471222392012-01-20T21:04:44.796+05:302012-01-20T21:04:44.796+05:30कमाल की कवितायेँ और कमाल का अनुवाद!
विद्या भूषण अ...कमाल की कवितायेँ और कमाल का अनुवाद! <br />विद्या भूषण अरोराAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-85668744474666643942012-01-20T17:49:11.662+05:302012-01-20T17:49:11.662+05:30बहुत बढ़िया...
शराबी -लाजवाब.बहुत बढ़िया...<br />शराबी -लाजवाब.vidyahttps://www.blogger.com/profile/07319211419560198769noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-16189737841465952362012-01-20T10:58:57.855+05:302012-01-20T10:58:57.855+05:30'शहज़ादी'... फ़र्श से धूल, मोम और खुदा जान...'शहज़ादी'... फ़र्श से धूल, मोम और खुदा जाने किस-किस चीज़ की गंध आती रहती है....क़सम खाई है.<br />'शराबी'... यदि वे थोडा मज़बूत खोपड़ी और थोडा बेहतर रूचि वाले होते तो वे खगोलशास्त्री होते.<br />अंदाज़े-बयां क़ाबिलेतारीफ़ है.मोहन श्रोत्रियhttps://www.blogger.com/profile/00203345198198263567noreply@blogger.com