tag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post8258290206286231798..comments2024-03-19T13:02:39.405+05:30Comments on पढ़ते-पढ़ते: ईमान मर्सल : मैं तुम्हें कभी माफ़ नहीं करने वाली मार्क्समनोज पटेलhttp://www.blogger.com/profile/18240856473748797655noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-859887299771517872011-08-26T21:04:33.552+05:302011-08-26T21:04:33.552+05:30तुम्हारी सहेली थी
वह तो बाकायदा गाँधी आश्रम में र...तुम्हारी सहेली थी <br />वह तो बाकायदा गाँधी आश्रम में रहती थी<br />उसकी बेटी ने चुना था एक शंकराचार्य का मठ<br />पड़ोसन तो बस बुहारने जाती थी मस्जिद <br />कभी पूछना उनकी कहानी.<br />कुछ बच्चियां स्कूल में ही थी तभी......<br />तो अनेक अपने घरों में ही <br />गुडिया से खेलने की उम्र में बड़ी कर दी गई थी.<br />ब्रह्मा ने नहीं बख्शी थी खुद अपनी सगी बेटियाँ <br />जो आज भी तस्वीर में उनकी जंघाओं पर विराजी दिखती हैं <br />तुम किस किस को माफ़ नहीं करोगी ईमान ??<br />और किसने दे दिया तुम्हे माफ़ करने का अधिकार??<br />पहले सजा देने की ताकत हासिल करो ईमान <br />पहले मुजरिम को मुजरिम कहने का होंसला बांटो <br />सुलगाओ वो चिंगारी जो जला दे उस पूरी फसल को <br />जो नारी देह को धरती मानकर उगाई गई है. <br />हिला दो वे चूलें जिन पर <br />टिके हैं- <br />पक्षपाती स्म्रतियो,भाष्यों,श्लोकों.पारों,हुकुमो,बयानों की शक्ल में <br />नपुंसक उपदेश.<br />पहले इन सब को सजा दे लो <br />उसके बाद ही माफ़ करना... उसे जिसके नाम पर "भी" <br />तुम्हे कुछ भेड़िये मिले थे.badal sarojhttps://www.blogger.com/profile/11249764438637286008noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-24324158227600548232011-08-17T16:25:08.580+05:302011-08-17T16:25:08.580+05:30वाह..क्या खूब....अनुपमवाह..क्या खूब....अनुपमAshish Pandey "Raj"https://www.blogger.com/profile/12211524707558022934noreply@blogger.com