tag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post340106121256259681..comments2024-03-19T13:02:39.405+05:30Comments on पढ़ते-पढ़ते: विमलेश त्रिपाठी की कहानी : हत्या मनोज पटेलhttp://www.blogger.com/profile/18240856473748797655noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-2208060539299346152015-07-23T12:59:03.941+05:302015-07-23T12:59:03.941+05:30मजा आ गया .. साधुवाद... मजा आ गया .. साधुवाद... राजीव शंकर मिश्रा , बनारस वालेhttps://www.blogger.com/profile/13905403357592043729noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-42512358893635676652015-01-27T19:51:49.058+05:302015-01-27T19:51:49.058+05:30सार्थक प्रस्तुति।
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा क...सार्थक प्रस्तुति।<br />--<br />आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (28-01-2015) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> गणतंत्र दिवस पर मोदी की छाप, चर्चा मंच 1872 </a> पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-40040739468974668332013-07-28T10:12:22.439+05:302013-07-28T10:12:22.439+05:30कहानी का कथ्य घिसापिटा ही है क्लाइमेक्स भी Predic...कहानी का कथ्य घिसापिटा ही है क्लाइमेक्स भी Predictible है मन मलंगाhttps://www.blogger.com/profile/03038969937208799961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-51412723593739307622013-07-25T12:49:46.556+05:302013-07-25T12:49:46.556+05:30साधाराण सी लगती असाधारण कहानी। वधाई....साधाराण सी लगती असाधारण कहानी। वधाई....ऋतु त्रिपाठीnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-26852266451011927852013-07-24T16:00:44.269+05:302013-07-24T16:00:44.269+05:30photografic
photografic<br />anant singhhttps://www.blogger.com/profile/09286074782708856228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-45104494719993469632013-07-24T15:58:46.005+05:302013-07-24T15:58:46.005+05:30photographic.....
photographic.....<br />anant singhhttps://www.blogger.com/profile/09286074782708856228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-9504551176852223942013-07-23T17:55:05.225+05:302013-07-23T17:55:05.225+05:30साधारण ही कही जायेगी... साधारण ही कही जायेगी... asmurarihttps://www.blogger.com/profile/16869905021434835844noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-64081429158510862702013-07-23T11:12:09.346+05:302013-07-23T11:12:09.346+05:30अच्छी कहानी है...। विमलेश की भाषा की सादगी आकर्षित...अच्छी कहानी है...। विमलेश की भाषा की सादगी आकर्षित करती है। विषय नया नहीं है लेकिन विमलेश ने इसे अपने तरीके से लिखा है। कहानी में पठनीयता है और समकालीन मुद्दे को उठाती हुई यह कहानी है....।। बधाईमनीषा त्रिपाठीnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-75783899995355996412013-07-23T08:35:44.494+05:302013-07-23T08:35:44.494+05:30ठीक-ठाक कहानी है ,विषय में कुछ नयापन नहीं लगा और क...ठीक-ठाक कहानी है ,विषय में कुछ नयापन नहीं लगा और कहानी घसीट कर जल्दी ख़त्म भी कर दी गई है !अरुण अवधhttps://www.blogger.com/profile/15693359284485982502noreply@blogger.com