tag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post4112140043368760518..comments2024-03-19T13:02:39.405+05:30Comments on पढ़ते-पढ़ते: येहूदा आमिखाई : यह पवनचक्की कभी आटा नहीं पीसतीमनोज पटेलhttp://www.blogger.com/profile/18240856473748797655noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-12958631058821908382012-01-08T06:23:23.884+05:302012-01-08T06:23:23.884+05:30ये पवनचक्की तो अपने यहाँ भी यही कर रही है।ये पवनचक्की तो अपने यहाँ भी यही कर रही है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137039081218727964.post-87406894150996467292012-01-07T13:28:16.876+05:302012-01-07T13:28:16.876+05:30आने वाले पीढ़ियों के लिए कवि की प्रतिबद्धता... कवित...आने वाले पीढ़ियों के लिए कवि की प्रतिबद्धता... कविता का प्राकट्य, प्रणम्य है!<br />सुन्दर!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.com