Tuesday, August 1, 2017

वेरा पावलोवा : ऐनक

वेरा पावलोवा के नए कविता संग्रह "एल्बम फॉर द यंग (ऐंड ओल्ड)" से एक और कविता. 












[ ऐनक ] : वेरा पावलोवा 
अनुवाद : मनोज पटेल 

ऐनक? किसको पड़ी है उनकी? 
वे धुंधला जाते हैं चुम्बन के समय, 
रगड़ खाते हैं पलकों से, 
गंध और आवाज़ को कर देते हैं मंद, 
आंसुओं को भटका देते हैं रास्ते से... 
और किसी काम नहीं आते जब आप तलाश रहे होते हैं उसे 
जो खो गया है. 
* * * 
(स्टीवन सीमोर के रूसी से अंग्रेजी अनुवाद से) 
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