Friday, October 22, 2010

एक कविता और एक तस्वीर

( रंगभेद पर आधारित जिम क्रो क़ानून अमेरिका में 1876 से 1965 तक लागू रहे. इस क़ानून में सभी सार्वजनिक स्थलों पर अश्वेतों के लिए पृथक स्थान निर्धारित किए गए थे. आज इसी पर एक कविता और एक तस्वीर.) 

मेले में अश्वेत बच्चा : लंगस्टन ह्युज्स 

जिम क्रो खंड कहाँ है 
इस गोल हिंडोले पर 
मैं भी झूलना चाहता था साहब ? 
हमारे दक्षिण तरफ जहाँ का मैं हूँ 
अगल-बगल नहीं बैठ सकते 
श्वेत और अश्वेत. 
हमारी तरफ रेलगाड़ी में
जिम क्रो डिब्बा होता है अलग से. 
और बसों में तो हम सबसे पीछे बिठाए जाते हैं. 
लेकिन इस गोल हिंडोले का 
पिछवाड़ा कहाँ है भला ! 
कोई बताएगा घोड़ा कहाँ है 
अश्वेत बच्चे के लिए ? 



और एक तस्वीर : ठंडा मतलब.......


केवल श्वेत ग्राहकों के लिए.......
( उसी दौर के अमेरिका में कोकाकोला की एक वेंडिंग मशीन )  

(अनुवाद : मनोज पटेल) 

Tuesday, October 19, 2010

उसने कहा था : जोसे सारामागो



1 - मुझे लगता है कि हम अंधे हैं. ऐसे अंधे जो देख तो सकते हैं लेकिन देखते नहीं. 

2 - अंत में हम पाते हैं कि ज़िंदा रहने की इकलौती शर्त मर जाना है. 

3 - हमारे भीतर कुछ ऐसा है जिसका कोई नाम नहीं है, वही कुछ ही दरअसल हम हैं. 

4 - आर्थिक सत्ता ही राजनीतिक सत्ता का निर्धारण करती है, और सरकारें महज आर्थिक सत्ता के राजनीतिक कार्यकर्ता की भूमिका निभाती हैं. 

5 - लोग इस भ्रम में रहते हैं कि वे लोकतांत्रिक व्यवस्था में रह रहे हैं, लेकिन यह उसका बाहरी रूप ही है. हकीकतन हम एक धनिक-तंत्र में रह रहे हैं. 

6- शायद भाषा ही अपनी जरूरत के लेखकों को चुनती है, उनका इस तरह इस्तेमाल करती है कि उनमें से प्रत्येक उसके किसी छोटे हिस्से को अभिव्यक्त कर सके. 

7 - समस्या यह है कि दक्षिणपंथ को शासन करने के लिए किसी विचार की जरूरत नहीं होती, जबकि वामपंथ विचारों के बिना शासन कर ही नहीं सकता. 

8 - दुनिया, विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व व्यापार संगठन जैसे संस्थानों द्वारा शासित हो रही है जो लोकतान्त्रिक नहीं हैं. 

9 - इंसान को शब्द अपने विचारों को छिपाने के लिए नहीं दिए गए थे. 

10 - हम शब्दों का इस्तेमाल एक-दूसरे को समझने के लिए करते हैं और कभी-कभी तो एक-दूसरे को पाने के लिए भी. 

11 - सभी मर्द एक जैसे होते हैं, उन्हें लगता है कि चूँकि वे किसी औरत की कोख से पैदा हुए हैं, इसलिए उन्हें औरतों के बारे में जानने लायक सब कुछ पता है.   

12 - आप वह नाम जानते हैं जो आपको दिया गया था, वह नाम नहीं जानते जो आपके पास है. 

13- पढ़ना शायद किसी स्थान विशेष पर होने का एक और तरीका है. 

14 - भावना और दिल के मामलों में बहुत ज्यादा हमेशा बहुत थोड़े से बेहतर होता है. 

15 - अगर आपको पहले से जवाब पता है तो आपके सवाल झूठे हैं. 

16 - पसंद स्वामित्व का सबसे अच्छा स्वरुप है जबकि स्वामित्व पसंद का सबसे खराब स्वरुप. 

17 - पेड़ काटे जाने पर रोता है, कुत्ता पीटे जाने पर भौंकता है जबकि मनुष्य कष्ट पहुंचाए जाने पर परिपक्व होता है. 

18 - इंसान के लिए शब्द परछाइयों की तरह होते हैं, परछाईयाँ रोशनी की व्याख्या नहीं कर सकतीं और इस रोशनी एवं परछाईं के बीच एक अपारदर्शी चीज होती है जिससे शब्द जन्म लेते हैं. 

19 - टापू को देख पाने के लिए आपको टापू छोड़ना पड़ेगा, हम खुद को तब तक नहीं देख सकते जब तक कि खुद से आज़ाद न हो जाएं. 

20 - स्वर्ग और नर्क की खोज करने के लिए मानव शरीर के अतिरिक्त और कुछ जानने की जरूरत नहीं है.  

21 - शायद केवल अन्धों की दुनिया में ही चीजें वही होती होंगी जो कि वे सचमुच हैं. 

(अनुवाद  : Manoj Patel)

Padhte Padhte

Monday, October 18, 2010

लीना तिबी की कवितायेँ

(लीना तिबी समकालीन अरबी कविता की महत्वपूर्ण हस्ती हैं. दमिश्क (सीरिया ) में जन्मीं और कई देशों से होते हुए फिलहाल काहिरा (मिश्र ) में निवास.  इनके कई कविता-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं. दुनिया की कई भाषाओं में अनुवाद भी. एक साहित्यिक पत्रिका की सम्पादक और एक अखबार के लिए स्तंभकार के रूप में काम कर चुकी हैं.)   

एक ख्वाहिश 

गर होता यह मेरे बस में 
गर होता कहीं मेरे बस में उड़ना बिना पंख ही 
तो उड़ती बेआवाज़ बिना पंखों के कोलाहल के 
गर होता यह मेरे बस में 
एकाकी इन्द्रधनुष की तरह तनना बहुत ऊंचा 
तो दमक के तनती बस एक बार 
फिर ख़त्म हो जाती सांझ तक.

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अगर मैं मर गई   

अगर मर गई मैं तो कौन करेगा मेरा इस्तकबाल 
कौन उतारेगा सर पे धरा बोझ 
बंद करेगा कौन मेरी आँखें 
कौन पढेगा दुआ मेरे कानों में अगर मर गई मैं 
तकिए पर कौन रखेगा मेरा सर आहिस्ता से 
कौन देगा दिलासा मेरी मां को 
फिर रोएगा चुपके-चुपके कौन अगर मर गई मैं 

और अगर कहीं मर गई मैं चटपट 
तुम्हारे दिल से कौन जुदा करेगा मेरा दिल ?


(अनुवाद : मनोज पटेल)

Saturday, October 16, 2010

जब ल्योसा ने मार्केज को घूसा जड़ा

गाब्रिएल गार्सिया मार्केज की यह तस्वीर उनके दोस्त राद्रिगो मोया ने 1976 में ली थी. इसके कुछ पहले ही एक मेक्सिकन थियेटर में मारियो वर्गास ल्योसा ने मार्केज को घूसा जड़ दिया था. इस घूसे के निशान इस तस्वीर में बाईं आँख एवं नाक पर देखे जा सकते हैं. इस घटना के लिए राजनीतिक से ज्यादा व्यक्तिगत कारणों को जिम्मेदार बताया जाता है जिनकी यहाँ चर्चा करना मेरा उद्देश्य नहीं है. यह तस्वीर हमें याद दिलाती है कि 35 साल पहले एक महान लेखक को, जिसे 6 साल बाद नोबेल पुरस्कार मिलना था, एक ऐसे लेखक ने घूसा मारा था जिसे 2010 में नोबेल सम्मान से नवाजा जाना था. इस घटना की वजह से विरक्त होने के पहले यह दोनों महान लेखक अच्छे दोस्त हुआ करते थे, यहाँ तक कि ल्योसा ने अपने दूसरे बेटे का नामकरण भी गाब्रिएल किया था.  

Friday, October 15, 2010

उसने कहा था : गाब्रिएल गार्सिया मार्केज



1 - दुनिया में कोई तुम्हारे आंसुओं के काबिल नहीं है, और अगर कोई होता भी तो वह तुम्हें रोने नहीं देता. 

2 - यह सच नहीं है कि लोग बूढ़े हो जाने की वजह से अपने सपनों का पीछा करना छोड़ देते हैं. वे अपने सपनों का पीछा करना छोड़ देने की वजह से बूढ़े हो जाते हैं. 

3 - बहुत ज्यादा का इंतज़ार करने वाले को बहुत कम की उम्मीद करनी चाहिए. 

4 -  नहीं, अमीर नहीं, मैं पैसे वाला गरीब आदमी हूँ और यह एक ही बात नहीं है. 

5 - अगर खुदा इतवार को आराम न करने लग गया होता तो उसे दुनिया को पूरा करने का वक़्त मिल पाया होता. 

6 - गल्प का आविष्कार उसी दिन हुआ जब जान्स ने घर आकर बीवी को बताया कि उसे तीन दिन देर इसलिए हो गई थी क्योंकि वह व्हेल द्वारा निगल लिया गया था. 

7 - कोई व्यक्ति तब नहीं मरता जब उसे मरना चाहिए, बल्कि तब जब वह मर सकता है. 

8 - हमेशा याद रखो कि एक अच्छी शादी में सबसे अहम् चीज खुशी नहीं, स्थायित्व है. 

9 - ईश्वर में मेरा विश्वास नहीं है, लेकिन मैं उससे डरता जरूर हूँ. 

10 - जरूरत का चेहरा कुत्ते सा होता है. 

11 - उसने बखुशी यह पाया कि कोई स्त्री अपनी संतान से सिर्फ अपनी संतान होने की वजह से नहीं, बल्कि उस दोस्ताने की वजह से प्यार करने लगती है जो उन्हें पालते-पोसते हुए विकसित हो जाता है. 

12 -  मधुमेह का सबसे कारगर इलाज़ गरीबी है. 

13 - यह दुनिया कितनी वाहियात है जहाँ आदमी पहले दर्जे में सफ़र करते हैं और किताबें माल-डिब्बे में. 

14 - प्यार करने के लिए हमेशा कुछ न कुछ बचा रह ही जाता है. 

15 - विवेक हमें तब हासिल होता है जब वह किसी काम का नहीं रह जाता. 

16 - सच्चा दोस्त वह है जो आपका हाथ पकड़े और दिल को छू ले. 

17 - अक्सर युद्ध का पहला शिकार आज़ादी होती है. 

18 - सब लोगों के पास तीन किस्म की जिंदगियां होती हैं : सार्वजनिक, निजी और गोपनीय. 

19 - अगर उनके तर्कों को स्वीकार कर लिया जाए तो पागल लोग पागल नहीं रह जाएंगे. 

20 - एक आदमी के पास दो बीवियां होनी चाहिए. एक प्यार करने के लिए और दूसरी उसके बटन टांकने के लिए. 

21 - एक प्रसिद्द लेखक को, जो अभी लिखना चाहता हो, प्रसिद्धि से लगातार खुद की रक्षा करनी पड़ती है. 
(अनुवाद : मनोज पटेल)

Monday, October 11, 2010

मोची : दून्या मिखाइल



एक हुनरमंद मोची 
अपनी पूरी ज़िंदगी  
ठोंकता रहा कील 
और चमड़े को बनाता रहा मुलायम 
तरह-तरह के पैरों के लिए : 
पैर जो दूर चले जाते 
पैर जो ठोकर मारते 
पैर जो कूदते 
पैर जो पीछा करते 
पैर जो दौड़ते 
पैर जो रौंदते 
पैर जो हिम्मत हारते 
पैर जो छलांग लगाते 
पैर जो लड़खड़ाते 
पैर जो ठिठकते 
पैर जो कांपते 
पैर जो नाचते 
और फिर
पैर जो वापस चले आते 

किसी मोची के हाथों 
मुठ्ठी भर कील ही तो है ज़िंदगी. 

(अनुवाद : मनोज पटेल)

Sunday, October 10, 2010

चापाकल : पीटर डेनियल्स

टाइम्स लिटरेरी सप्लीमेंट (TLS) की कविता प्रतियोगिता 2010 में प्रथम पुरस्कार से पुरस्कृत कविता ]




टोंटी के पानी के बाद बेकार ही हो गया चापाकल 
जंजीर से बंधा बगल पड़ा हत्था, यूँ कहें कि आराम फरमाता 
"कभी जो हुआ करता था हमारे पास" में बदल चुका है चापाकल 
किसी ने सोचा भी नहीं इससे छुटकारा पाने के बारे में 
जब युद्ध घोषित हुआ था तो उन्होंने इसके पुर्जे खोले और तेल दिया था 
कि क्या पता हिटलर पानी के संचय-स्थानों पर बमबारी कर दे 
लेकिन आता रहा टोंटी से पानी 
हाते का हिस्सा है ये 
गहरी नीली ईंट की पटरियों से बने बरहे के साथ 
साथ नाली में पड़ी झाड़ू के 
हरे रंग में रंगा लोहे का एक टुकड़ा 
दीवाल से लगा जंग खाता, समूचा

  "स्वदेशी" नुमाइश बताते हैं इसे
 टब में पड़े फूल शोभा बढ़ा रहे चापाकल की
 जिसे नए सिरे से कर दिया गया है सफ़ेद
 ढलाई-घर और तारीख को उभार दिया है काले रंग में
 किसी रचना में विराम-चिन्ह की तरह
 ले चलता है रसोई के दरवाज़े की तरफ, पत्थर के बेसिन को 
जहाँ रखी जाती थी बाल्टी जिसमें उगी होती थीं जलकुम्भियाँ
 अब आगंतुकों के लिए सजी-संवरी इस जगह
 बेकार चापाकल प्रतीक हो सकता है उस पूरी  ताकत का
 जो लगाती थी लड़की चलाने को इसे 
और तब तक चलाती थी जब तक कि लोहाया पानी निकल नहीं आता था आख़िरकार
 आखिरकार उसे मिल सका था वक्त किसी की दादी-माँ बनने का 
कि कोई देखे चापाकल को और याद करे उसे |   
 
(अनुवाद : मनोज पटेल)

Friday, October 8, 2010

उसने कहा था : मारियो वर्गास ल्योसा

1 - यदि आप लेखक होने की वजह से मार दिए जाते हैं तो यह आपके जानते, आपके प्रति प्रदर्शित किया गया अधिकतम सम्मान होगा.

2 - यह सच नहीं है कि सिद्धदोष अपराधी जानवरों की तरह रहते हैं, जानवरों को तो घूमने-फिरने के लिए ज्यादा जगह हासिल होती है. 

3 - कितना भी क्षणभंगुर क्यों न हो, उपन्यास कुछ तो है जबकि हताशा कुछ भी नहीं. 

4 - साहित्यिक रचना और राजनीतिक गतिविधि में एक किस्म की असंगति होती है. 

5 - किताब लिखना नितांत अकेलेपन का काम है. आप बाक़ी दुनिया से कटे अपनी धुन और ख्यालों में डूबे हुए होते हैं. 

6 - लेखक अपने खुद के प्रेतों के ओझा होते हैं. 

7 - लेकिन मेरे पास है क्या ? बस वो बातें जो मुझसे कही गईं, और वो जो मैनें दूसरों से कहीं. 

8 - कोई खुद से नहीं लड़ सकता क्योंकि इस लड़ाई में हारने वाला एक ही होगा. 

9 - एक उपन्यास के लिए यह दुर्लभ और लगभग असंभव है कि उसका वाचक एक ही हो. 

10 - विज्ञान अब भी घुप्प अंधेरी गुफा में दिपदिपाती हुई मोमबत्ती ही है.  

11 - जिन्दगी गंदगी का तूफ़ान है जिसमें कला हमारी इकलौती छतरी है. 

12 - श्रृंगारिकता का अपना नैतिक औचित्य होता है क्योंकि इसके अनुसार मेरे लिए मज़ा ही सबकुछ है. यह वैयक्तिक प्रभुसत्ता का वृतांत है. 

13 - आप किसी को सर्जनात्मकता नहीं सिखा सकते - कि अच्छा लेखक कैसे बना जाए. लेकिन आप एक युवा लेखक को अपने अन्दर ही यह पाने में मदद कर सकते हैं कि वह किस तरह का लेखक बनाना चाहेगा. 

14 -  समृद्धि या समता - आपको चुनना होगा. मैं स्वतंत्रता का पक्षधर हूँ - वैसे भी आप वास्तविक समता हासिल नहीं कर सकते. आप बस एक भ्रम के लिए समृद्धि को कुर्बान कर देते हैं. 

(अनुवाद : मनोज पटेल)

Monday, October 4, 2010

उसने कहा था : मिलान कुंदेरा

1 - लगातार तेज होते जा रहे संगीत की वजह से लोग बहरे होते जा रहे हैं | लेकिन चूँकी वो बहरे होते जा रहे हैं, इसे और तेज बजाना पड़ रहा है | 
2 -  भूमिकाएं छोटी नहीं होतीं | अभिनेता छोटे होते हैं | 
3 - खुशी दोहराव की हसरत है | 
4 - दो लोगों के आपसी लगाव को आप एक-दूसरे से बोले गए शब्दों की संख्या से नहीं माप सकते | 
5 - प्रेमियों, शुरुआत के उन खतरनाक दिनों में सावधान रहो ! अगर तुमने एक बार बिस्तर तक नाश्ता पहुंचा दिया तो हमेशा ऐसा करना पड़ेगा | अन्यथा प्रेम के ख़त्म होने और विश्वासघात का आरोपी बनाने के लिए तैयार रहो | 
6 - लक्षणा खतरनाक होती हैं | ये छेड़-छाड़ के लिए नहीं हैं | एक अकेली लक्षणा प्यार को जन्म दे सकती है | 
7 - हिंसा के बिना शारीरिक प्यार की कल्पना भी नहीं की जा सकती | 
8 -  तकदीर से औरतों के पास, घटना के बाद अपने कार्य का मतलब बदल लेने का करिश्माई हुनर होता है | 
9 - प्यार एक सतत पूछताछ है | प्यार की इससे बेहतर परिभाषा मैं नहीं जानता | 
10 - हाँ तुम्हारे बारे में यह सर्वज्ञात तथ्य है | मौत की तरह तुम भी सबकुछ छीन लेते हो | 
11 - एकांत निगाहों की प्यारी अनुपस्थिति है | 
12 - प्यार या तो दीवानापन है या कुछ भी नहीं | 
13 - महान उपन्यास हमेशा अपने लेखकों से कुछ ज्यादा बुद्धिमान होते हैं | 
14 - सबसे भोले सवाल ही सबसे संजीदा होते हैं | 
15 - कला तर्कातीत स्रोतों से ही उत्पन्न होती है | 
16 - सत्ता के विरुद्ध व्यक्ति का संघर्ष दरअसल भूल गए के खिलाफ याद आने का संघर्ष है | 

(अनुवाद : मनोज पटेल)
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