कुछ बच्चे मालामाल हो गए अचानक खंगालते हुए लदे-फदे ताज़ा कटे कछार अच्छी तरह से ठोक- ठुड़क कर छाँट लेते हर दिन पूरा एक खज़ाना तुम चुन लो अपना एक शंकर और मुट्ठी भर उसके गण मैं कोई बुद्ध देखता हूँ अपने लिए हो सके तो सधे पैरों वाला एकाध अनुगामी श्रमण और खेलेंगे भगवान-भगवान दिन भर।
वाह ! कितनी गहरी बात..
ReplyDeleteकुछ बच्चे मालामाल हो गए अचानक
ReplyDeleteखंगालते हुए
लदे-फदे ताज़ा कटे कछार
अच्छी तरह से ठोक- ठुड़क कर छाँट लेते हर दिन
पूरा एक खज़ाना
तुम चुन लो अपना एक शंकर
और मुट्ठी भर उसके गण
मैं कोई बुद्ध देखता हूँ अपने लिए
हो सके तो सधे पैरों वाला
एकाध अनुगामी श्रमण
और खेलेंगे भगवान-भगवान दिन भर।
Hatasha
ReplyDeleteLut pit gaya kya
ReplyDeleteHatasha
ReplyDeleteअद्भुत!
ReplyDeleteबढिया
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