निर्वासित चीनी माता-पिता की संतान ली-यंग ली का जन्म 19 अगस्त 1957 को जकार्ता में हुआ था. उनके नाना चीन के राष्ट्रपति थे. उनके पिता कभी माओ के निजी चिकित्सक हुआ करते थे, जिन्हें निर्वासन के बाद इंडोनेशिया में उन्नीस महीने जेल में बिताने पड़े. 1964 में उनका परिवार अमेरिका चला गया जहां ली फिलहाल शिकागो में रहते हैं.
एक कहानी : ली-यंग ली
(अनुवाद : मनोज पटेल)
उदास है वह व्यक्ति जिससे कहा गया एक कहानी सुनाने के लिए
और उसे सूझ नहीं रही एक भी.
उसका पांच साल का बेटा इंतज़ार कर रहा है उसकी गोद में
वही वाली कहानी नहीं, बाबा. कोई नई कहानी.
अपनी दाढ़ी खुजलाता है वह व्यक्ति, अपने कान खोदता है.
कहानियों की दुनिया के किताबों से भरे एक कमरे में
उसे सूझ नहीं रही कोई भी कहानी,
और उसे लगता है कि जल्द ही बच्चा
उम्मीद करना छोड़ देगा अपने पिता से.
बहुत आगे की सोचने लगता है वह व्यक्ति,
उसे दिखता है वह दिन जब चला जाएगा वह बच्चा. मत जाओ !
यह घड़ियाल वाली कहानी सुन लो ! फिर से सुन लो परी वाली कहानी !
तुम्हें पसंद थी मकड़े वाली कहानी. मकड़े पर हँसते थे तुम.
मुझे सुना लेने दो उसे !
मगर लड़का बाँध रहा है अपना सामान,
वह ढूँढ़ रहा है अपनी चाभियाँ. क्या तुम भगवान हो,
चीखता है वह व्यक्ति, जो गूंगा बना मैं बैठा रहूँ तुम्हारे सामने?
क्या कोई भगवान हूँ मैं जो कभी निराश नहीं करना चाहिए मुझे?
लेकिन फ़िलहाल तो यहाँ है बच्चा. बाबा, प्लीज, एक कहानी?
तार्किक नहीं भावनात्मक समीकरण है यह,
उस दुनिया का नहीं, इस दुनिया का एक समीकरण,
जो साबित करता है कि
एक बच्चे की चिरौरियों और एक पिता के प्रेम का योग
खामोशी होती है.
:: :: ::