Tuesday, December 11, 2012

अलीना माल्दोवा है मेरा नाम

क्रिस्टीना टोथ की तीन कविताओं की सीरीज 'पूर्वी यूरोप : त्रिफलक' से एक और कविता...   


पूर्वी यूरोप   त्रिफलक : क्रिस्टीना टोथ 
(अनुवाद : मनोज पटेल) 

अलीना माल्दोवा है मेरा नाम. 
पूर्वी यूरोप की हूँ मैं, 
मेरी लम्बाई है 170 सेंटीमीटर 
और जीवन-प्रत्याशा 56 साल. 
दांतों में चांदी भरवा रखी है मैंने 
और एक आनुवांशिक डर ढोती रहती हूँ अपनी छाती में. 
जब बोलती हूँ अंग्रेजी तो कोई नहीं समझ पाता मेरी बात, 
जब बोलती हूँ फ्रेंच तो कोई नहीं समझ पाता मेरी बात, 
सिर्फ डर की भाषा ही है 
जिसे मैं बोलती हूँ बिना किसी स्वराघात के. 

अलीना माल्दोवा है मेरा नाम. 
एक मानव-रहित रेलवे-क्रासिंग हैं मेरे हृदय के वाल्व, 
जहर दौड़ा करता है मेरी रगों में, 
56 साल है मेरी जीवन-प्रत्याशा. 
मैं पाल रही हूँ अपने दस साल के बेटे को, 
थोड़ा सा आटा मिल जाता है मुझे, चलती हुई ट्रेनों पर चढ़ती हूँ मैं. 
चाहे मारो तुम मुझे, चाहे झकझोरो 
बस थोड़ा सा झनझनाती है मेरी झुमकी, 
जैसे कोई ढीला पुर्जा 
अभी तक चल रही एक मोटर का. 
                  :: :: :: 

10 comments:

  1. वाह !क्या बात है ! मनोज भाई , आपकी प्रतिबद्धता काबिले तारीफ है ! आपका दिल से शुक्रिया !

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  2. अलीना माल्‍दोवा...तुम सिर्फ पूर्वी यूरोप में ही नहीं रहती....

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  3. अच्‍छी कविता है ।

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  4. केवल डर कहती हूँ बिना स्वराघात के

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  5. लगता है जैसे अभी-अभी एक अलीना मेरे सामने से गुजरी हो ! बहुत अच्छी कविता का सुन्दर अनुवाद ! बधाई मनोज जी !

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  6. लगता है जैसे अभी-अभी एक अलीना मेरे सामने से गुजरी हो ! बहुत अच्छी कविता का सुन्दर अनुवाद ! बधाई मनोज जी !

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  7. marmik kavita ka sundar anuvad.gareeb admi koi bhi bhasha bina atke nahin bol sakta hai.

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  8. सुंदर सार्थक ही नहीं सामयिक भी .

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  9. वाह मनोज भाई - उपर की टिप्पणिओं में से 'बोधि' और 'सरिता सुमन'की टिप्पणिओं से मेरी सहमति.

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