Friday, October 22, 2010

एक कविता और एक तस्वीर

( रंगभेद पर आधारित जिम क्रो क़ानून अमेरिका में 1876 से 1965 तक लागू रहे. इस क़ानून में सभी सार्वजनिक स्थलों पर अश्वेतों के लिए पृथक स्थान निर्धारित किए गए थे. आज इसी पर एक कविता और एक तस्वीर.) 

मेले में अश्वेत बच्चा : लंगस्टन ह्युज्स 

जिम क्रो खंड कहाँ है 
इस गोल हिंडोले पर 
मैं भी झूलना चाहता था साहब ? 
हमारे दक्षिण तरफ जहाँ का मैं हूँ 
अगल-बगल नहीं बैठ सकते 
श्वेत और अश्वेत. 
हमारी तरफ रेलगाड़ी में
जिम क्रो डिब्बा होता है अलग से. 
और बसों में तो हम सबसे पीछे बिठाए जाते हैं. 
लेकिन इस गोल हिंडोले का 
पिछवाड़ा कहाँ है भला ! 
कोई बताएगा घोड़ा कहाँ है 
अश्वेत बच्चे के लिए ? 



और एक तस्वीर : ठंडा मतलब.......


केवल श्वेत ग्राहकों के लिए.......
( उसी दौर के अमेरिका में कोकाकोला की एक वेंडिंग मशीन )  

(अनुवाद : मनोज पटेल) 

3 comments:

  1. नस्लीय भेदभाव का सम्पूर्ण चित्रण .शुक्रिया मनोज जी

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  2. Bahut achchhi kavita aur chitr bhi bahut manikhej hai..

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  3. aaj bhi wahi ho raha hai jo kal ho raha tha.... pr matra thodi kam hai... kahin rang bhed hai to kahi siya suuni to for kahin forwrd bkwrd.......

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