इटली की लोककथा - 2 : क्रैक और कुक
बहुत दूर एक शहर में क्रैक नाम का एक नामी चोर हुआ करता था जो कभी पकड़ा नहीं गया था. क्रैक एक दूसरे बदनाम चोर क्रुक से मिलना चाहता था ताकि दोनों मिलकर चोरियां कर सकें. एक दिन क्रैक एक सराय में एक अजनबी के सामने मेज पर बैठा खाना खा रहा था. अचानक उसकी निगाह अपनी घड़ी की तरफ गई तो उसने उसे गायब पाया. उसने सोचा कि इस दुनिया में क्रुक के सिवा और कौन ऐसा है जो मेरी जानकारी के बिना मेरी घड़ी इतनी सफाई से चुरा सकता है. अब क्रैक के पास जवाब में क्रुक का बटुआ चुराने के सिवा और कोई चारा ही नहीं था. जब उस अजनबी ने अपने खाने का पैसा चुकाना चाहा तो पाया कि उसका बटुआ गायब है. तब वह मेज के अपने साथी से मुखातिब हुआ, "अच्छा तुम जरूर क्रैक होगे."
"और तुम क्रुक होगे."
"बिलकुल ठीक."
"बढ़िया, अब हम दोनों मिलकर काम किया जाए."
वे दोनों शहर पहुंचे और राजा के खजाने को चुराने की योजना बनाने लगे जो कि चारो तरफ से पहरेदारों से घिरा रहता था. दोनों ने नीचे ही नीचे सुरंग खोद डाली और पूरा खजाना साफ़ कर दिया. चोरों को पकड़ने के वास्ते राजा को कोई उपाय ही नहीं सूझ रहा था. इसलिए राजा चोरी के मामले में सजा काट रहे स्नेअर नाम के एक आदमी के पास पहुंचे और कहा, "अगर तुम यह पता लगा दो कि यह चोरी किसकी करतूत है तो मैं तुम्हें आज़ाद कर दूंगा और कोई ओहदा भी दे दूंगा."
स्नेअर ने जवाब दिया, " यह करतूत क्रैक या क्रुक के सिवा और किसी की नहीं हो सकती या हो सकता है दोनों ने मिलकर इसे अंजाम दिया हो क्योंकि वही दोनों सबसे काबिल चोर हैं जो ज़िंदा बचे हैं. लेकिन मैं उन्हें पकड़वा सकता हूँ. आप ऐसा करिए कि मांस का दाम बढ़ाकर सौ डालर प्रति पौण्ड कर दीजिए. जो आदमी इतना महँगा मांस खरीदेगा वही चोर होगा."
राजा ने मांस का दाम बढ़ाकर सौ डालर प्रति पौण्ड कर दिया जिससे सबने मांस खरीदना बंद कर दिया. आख़िरकार यह सूचना आई कि किसी पादरी ने एक कसाई से मांस खरीदा है. स्नेअर ने कहा, "वह क्रैक या कुक में से ही कोई वेश बदलकर रहा होगा. अब मैं भी वेश बदलकर घर-घर भिक्षा मांगने जाता हूँ. अगर कोई मुझे भिक्षा में मांस देता है तो मैं उसके दरवाजे पर लाल रंग से निशान लगा दूंगा जिससे कि आपके सिपाही बाद में जाकर चोरों को पकड़ लें."
लेकिन जब उसने क्रैक के दरवाजे पर लाल निशान लगाया तो क्रैक ने उसे देख लिया और जाकर शहर के सभी दरवाजों पर लाल निशान लगा दिया जिससे कि पता ही न लग पाए कि क्रैक और कुक किस घर में रहते हैं.
स्नेअर ने राजा से कहा, "मैनें आपसे कहा था न कि वे दोनों बहुत चालक हैं. लेकिन शायद उन्हें पता नहीं कि उनसे भी चालक कोई मौजूद है. अगला काम यह करना है : उबलते हुए अलकतरे का एक टब खजाने की सीढियों के नीचे रखवा दीजिए. जो कोई भी चोरी करने के लिए नीचे उतरेगा, टब में गिर जाएगा और फिर उसकी लाश ही बाहर आएगी."
इस बीच क्रैक और क्रुक के पैसे ख़त्म हो गए तो उन्होंने और पैसों के लिए खजाने का फेरा लगाने का फैसला किया. क्रुक पहले घुसा और अँधेरा होने के कारण टब में गिर पडा. क्रैक ने अपने साथी की देह अलकतरे से बाहर खींचने की कोशिश की लेकिन उसकी देह अलकतरे में एकदम चिपक चुकी थी. तब उसने क्रुक का सर काट लिया और उसे अपने साथ लेता गया.
अगले दिन राजा यह देखने के लिए गया कि कोई चोर उसके जाल में फंसा या नहीं. " पकड़ लिया, इस बार हमने उसे पकड़ ही लिया ! " लेकिन लाश का तो सर ही गायब था इसलिए यह कहना मुश्किल था कि वह चोर की ही लाश थी या उसके किसी सहयोगी की.
स्नेअर ने कहा, " हम एक काम और कर सकते हैं. लाश को दो घोड़ों से बांधकर पूरे शहर में घसीटा जाए, जिस घर से रोने की आवाज़ आए वह चोर का ही घर होना चाहिए."
हुआ भी यही, जब क्रुक की बीवी ने खिड़की से देखा कि उसके पति की लाश को सड़कों पर घसीटा जा रहा है तो वह रोने-चीखने लगी. लेकिन क्रैक वहीं था और वह तुरंत ही समझ गया कि इस तरह तो वह पकड़ा जाएगा. इसलिए उसने इधर-उधर बर्तन फेंकने शुरू कर दिए और साथ ही उस बेचारी औरत की पिटाई भी करने लगा. चीखने-चिल्लाने की आवाज़ सुनकर सिपाही वहां पहुंचे तो उन्होंने पाया कि घर के सारे बर्तन तोड़ देने की वजह से एक पति अपनी पत्नी की पिटाई कर रहा है.
तब राजा ने हर नुक्कड़ पर अपना फरमान चिपकवा दिया कि वह उस चोर को माफ़ कर देगा जिसने उसका सारा माल साफ कर दिया है यदि वह रात में सोते समय उसके नीचे से चादर चुराने में कामयाब हो जाए. क्रैक ने भी सामने आ इस चुनौती को स्वीकार कर कहा कि वह ऐसा कर सकता है.
उस रात राजा कपड़े बदलकर अपनी बन्दूक के साथ बिस्तर पर गया और चोर का इंतज़ार करने लगा. क्रैक ने कब्र खोदने वाले से एक लाश का जुगाड़ किया और उसे अपने कपड़े पहनाकर महल की छत पर ले गया. आधी रात के वक्त रस्सी से बंधी हुई लाश राजा की खिड़की के सामने झूलती हुई दिखाई पड़ी. यह समझकर कि यह क्रैक है राजा ने उसपर गोली चला दिया और रस्सी समेत उसे नीचे गिरते देखा. फिर वह दौड़ा-दौड़ा यह देखने नीचे भागा कि क्रैक मर गया है या नहीं. जब राजा नहीं था उसी बीच क्रैक उसके कमरे में घुसा और चादर को चुरा लिया. इस तरह क्रैक को माफ़ कर दिया गया और उसे फिर से चोरी न करनी पड़े इसलिए राजा ने अपनी बेटी की शादी उसके साथ कर दिया.
(अनुवाद : Manoj Patel)
Italo Calvino
रोचक कहानी.....
ReplyDeleteसुन्दर
ReplyDeleteलगभग हर कहानी के अंत में रजा अपनी बेटी की शादी हर किसी ऐरे-गैरे से क्यों कर देता है ये समझ नहीं आता.. चाहे किसी भी देश दुनिया की कथा कही जा रही हो..
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