डोरोथिया ग्रासमैन की एक कविता...
तुम्हें बताना है : डोरोथिया ग्रासमैन
(अनुवाद : मनोज पटेल)
तुम्हें बताना है
कभी-कभी होता है यूँ भी
कि सूरज बजा देता है मुझे
किसी घंटे की तरह,
और मुझे याद आ जाता है सब कुछ,
तुम्हारे कान भी.
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