शान हिल की कुछ और ट्विटर कहानियां...
शान हिल की ट्विटर कहानियाँ
(अनुवाद : मनोज पटेल)
कामदेव खुद मेरी मदद के लिए चले आए. उन्होंने रेना पर अपना बाण चलाया मगर निशाना थोड़ा नीचे रखा. जिंदगी भर मैं उसके पैरों से ही प्यार करता रहा.
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बादशाह को खुश करने के लिए मैंने उन्हें एक और कहानी सुनाई. यह उनकी अफीम थी. वे मेरे शब्दों में रहते थे जबकि बाहर उनका परास्त साम्राज्य बिखर रहा था.
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अपनी प्रेमिका के लिए मैंने ख़ास डिश पकाई थी. मगर प्लेट में मछली परोसते ही वह चीख पड़ी. जाहिर है जलपरियाँ अपनी दोस्तों को नहीं खातीं.
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वे चिल्लाए, "अपनी बन्दूक नीचे फेंक दो!" ई-किताबों के हमले से लायब्रेरी को बचाने के लिए खिड़की से मैंने बुलडोजर पर गोली चलाई.
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माँ ने मेरे सर से नकली बालों को नोच लिया. "तुम इनके बिना ही ठीक लगती हो," वे बोलीं. उन्हें वापस छीनकर मैं रोने लगी. डैड की यही तो एक निशानी बची थी मेरे पास.
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अटारी की सफाई करते हुए मुझे हम दोनों की एक पुरानी तस्वीर मिली. उस समय हम कितने खुश दिख रहे थे. इच्छा हुई कि तुम्हें खोद निकालूँ और माफ़ी मांगूं.
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सभी बहुत सुन्दर.....
ReplyDeleteआख़री तो आँख नम कर गयी....
शुक्रिया
अनु
बहुत शुक्रिया
ReplyDeleteशुक्रिया
ReplyDeleteसभी कहानियाँ असर दार----
ReplyDeleteमुक्त अतुकांत धुंधली कविता कहानियों में अर्थ या जान कम ही होती है... पर इन ट्विटर कहानियों में अर्थ है जान भी... जाहिराना..मज़ा भी.
ReplyDeleteखूबसूरत
ReplyDeleteअंतिम सबसे अच्छी लगी ..
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