Thursday, July 11, 2013
मुहम्मद अल-गज्जी कविता
मुहम्मद अल-गज्जी की एक कविता...
कलम : मुहम्मद अल-गज्जी
(अनुवाद : मनोज पटेल)
एक कलम थामो अपनी कांपती उँगलियों से
और विश्वास करो, भरोसा रखो पूरा
कि आसमानी रंग की एक तितली है पूरी दुनिया
और जाल हैं शब्द उसे पकड़ने के लिए.
:: :: ::
4 comments:
ANULATA RAJ NAIR
July 11, 2013 at 11:17 PM
बहुत खूब....
अनु
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Anita
July 12, 2013 at 2:15 PM
शब्दों पर इतना भरोसा..
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अजेय
July 13, 2013 at 10:10 PM
युवा लेखक के लिए अद्भुत सन्देश !!
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अनुपमा पाठक
July 16, 2013 at 9:25 AM
वाह!
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बहुत खूब....
ReplyDeleteअनु
शब्दों पर इतना भरोसा..
ReplyDeleteयुवा लेखक के लिए अद्भुत सन्देश !!
ReplyDeleteवाह!
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