फ़्रांसीसी कवि ज़ाक प्रेवेर (Jacques Prevert) की एक कविता...
किसी चिड़िया की तस्वीर बनाने के लिए : ज़ाक प्रेवेर
(अनुवाद : मनोज पटेल)
सबसे पहले तो एक पिंजरा बनाना
छोटे से खुले दरवाजे वाला
फिर बनाना कोई आकर्षक चीज
सहज सी
कोई सुन्दर चीज
ऎसी जो फायदे की हो चिड़िया के लिए
इस तस्वीर को रख देना एक पेड़ पर
किसी बगीचे में
किसी पार्क
या किसी जंगल में
खुद को छिपा लेना पेड़ के पीछे
चुपचाप
अचल...
कभी-कभी चिड़िया आ जाती है जल्दी ही
मगर कभी-कभी तो सालों लग जाते हैं
हताश मत होना
इंतज़ार करना
गर जरूरत पड़े तो सालों करना इंतज़ार
उसके आगमन की शीघ्रता या धीमेपन का
कोई सम्बन्ध नहीं है
तस्वीर की अच्छाई से
जब आ जाए चिड़िया
गर आए वह
बनाए रखना बहुत गहरी खामोशी
इंतज़ार करना जब तक चिड़िया अन्दर न आ जाए पिंजरे के
और जब वह दाखिल हो जाए अन्दर
धीरे से बंद कर देना दरवाजे को ब्रश से
फिर एक-एक कर हटा देना सारे सींखचों को
ध्यान रखना कि हाथ न लगने पाए चिड़िया के किसी पंख से
फिर बनाना पेड़ की तस्वीर
सबसे खूबसूरत डाली चुनना
चिड़िया के लिए
हरे पल्लव बनाना और हवा की शीतलता
धूप में तैरते कण बनाना और गर्मियों के ताप में
दूब के कीड़ों की आवाज़
और फिर, इंतज़ार करना चिड़िया के गाने का
अगर चिड़िया नहीं गाती
तो यह अपशकुन होगा
इसका मतलब गड़बड़ है तस्वीर
लेकिन यदि वह गाने लगती है तो यह अच्छा शकुन है
इसका मतलब तुम कर सकते हो अपने दस्तखत
तब तुम बड़े प्यार से खींचना
चिड़िया से एक पंख
और तस्वीर के एक कोने में लिख देना अपना नाम.
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अगर तस्वीर जिन्दा नहीं हैं तो फिर तस्वीर कैसी .. बहुत अच्छी कविता
ReplyDelete_Aharnishsagar
bahut badhiya..
ReplyDeletebina praan kuhh bhi swabhavik nahin hota,sundar kaavita hai ,baantne ke liye dhnayavaad.
ReplyDeletebehtareen kavita.....aur kamaal ke bhaav
ReplyDeleteसार्थक रचना ..
ReplyDeleteबहुत अच्छी लगी !!
adbhut.
ReplyDeleteरहस्यमयी.शुध्ध.साद्यंत.
ReplyDeleteKABHI KABHI CHIDIYA JALDI AAJATEE HAI ....KABHI KABHI SAALO LAGJATE HAI ..!
ReplyDeleteSUNDAR ..BHAVPORN KAVITAA 1
मैं तो हतप्रभ रह जाता हूँ ...सोंच की इस पहुँच और गहराई को देखकर ! खूबसूरत कविता ! आपके चयन और सुन्दर अनुवाद के लिए बधाई मनोज जी !
ReplyDeleteयहाँ चिड़िया प्रेमिका,प्रेम या प्रेरणा की प्रतीक लगती है.कुछ अच्छा घटित होने की सम्भावना से परिपूर्ण कविता.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteइतने उपक्रम करने होंगे तब घटित होगा कुछ अद्भुत!
ReplyDelete***
एक क्लिक द्वारा इस कविता तक पहुँचाने हेतु आभार:)
अनोखी कविता..
ReplyDeleteकविता ख़त्म होते होते सुच मुच मानो एक चिड़िया की तस्वीर बन गयी... या बनते बनते रह गयी.
ReplyDeleteसुन्दर कविता. खूबसूरत अनुवाद.
adbhuttt...aisi ek kavita likh ke bhi amar hua jaa sakta hai..
ReplyDeleteadbhut..aisi ek kavita gadh ke amar hua jaa sakta hai..
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