अमेरिकी कवि, पेंटर और प्रकाशक लारेंस फरलंगएरी (1919) की एक कविता...
ख़बारुस्क या किसी भी जगह पर खुशी का नुस्खा : लारेंस फरलंगएरी
(अनुवाद : मनोज पटेल)
दरख्तों वाली एक शानदार सड़क,
धूप में एक बढ़िया कैफ़े
और बहुत छोटे-छोटे प्यालों में कड़क ब्लैक काफ़ी.
एक पुरुष या स्त्री, जिसे मुहब्बत हो आपसे
कोई जरूरी नहीं कि बहुत ख़ूबसूरत ही.
एक अच्छा सा दिन.
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ख़बारुस्क : मास्को से लगभग 5000 मील और चीन की सीमा से महज 20 मील दूर रूस के पूर्वी छोर पर बसा एक शहर.
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार (2-2-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
ReplyDeleteसूचनार्थ!
badi maasoom si ye romantic panktiyan dill ko gudgudate hue kahin door le jati hain.....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर मनोज भाई . मज़ा आगया सच .
ReplyDeleteचाय काफी मन पसंद बस अपनों के संग
ReplyDeleteSir last line bahut khubsurat...ek aur achi kavita k liye aabhar.
ReplyDeletebahut khoobsurat....
ReplyDeletebahut khoobsurat......
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