Saturday, February 2, 2013

लारेंस फरलंगएरी : खुशी का नुस्खा

अमेरिकी कवि, पेंटर और प्रकाशक लारेंस फरलंगएरी (1919) की एक कविता...   


ख़बारुस्क या किसी भी जगह पर खुशी का नुस्खा : लारेंस फरलंगएरी 
(अनुवाद : मनोज पटेल) 

दरख्तों वाली एक शानदार सड़क,  
धूप में एक बढ़िया कैफ़े 
और बहुत छोटे-छोटे प्यालों में कड़क ब्लैक काफ़ी. 

एक पुरुष या स्त्री, जिसे मुहब्बत हो आपसे 
कोई जरूरी नहीं कि बहुत ख़ूबसूरत ही. 

एक अच्छा सा दिन. 
             :: :: :: 
ख़बारुस्क : मास्को से लगभग 5000 मील और चीन की सीमा से महज 20 मील दूर रूस के पूर्वी छोर पर बसा एक शहर. 

7 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार (2-2-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
    सूचनार्थ!

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  2. badi maasoom si ye romantic panktiyan dill ko gudgudate hue kahin door le jati hain.....

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  3. बहुत सुन्दर मनोज भाई . मज़ा आगया सच .

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  4. चाय काफी मन पसंद बस अपनों के संग

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  5. Sir last line bahut khubsurat...ek aur achi kavita k liye aabhar.

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