Wednesday, March 20, 2013

ज़िबिग्न्यू हर्बर्ट : दो गद्य कविताएँ

ज़िबिग्न्यू हर्बर्ट की दो गद्य कविताएँ... 
ज़िबिग्न्यू हर्बर्ट की दो कविताएँ 
(अनुवाद : मनोज पटेल) 

कप्तान की दूरबीन 
मैंने इसे नेपल्स के एक बिसाती से खरीदा. बताते हैं कि यह दूरबीन मारिया  के कप्तान की थी जो एक साफ़ चमकीले दिन गोल्ड कोस्ट के बिल्कुल पास रहस्यमय परिस्थितियों में डूब गया था. 

एक अजीब सा औजार. इसे मैं चाहे जिस चीज पर केंद्रित करूँ, मुझे बस दो नीली पट्टियां ही दिखती हैं --एक गहरे नीले रंग की और दूसरी आसमानी नीले रंग की. 
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वायलिन 
एक वायलिन नंगी होती है. उसकी दुबली-पतली नन्ही-नन्ही बाहें होती हैं. उनसे वह आधे-अधूरे ढंग से खुद को ढंकने की कोशिश करती है. शर्म और ठंड की वजह से वह रोती है. इस कारण से, न कि जैसा संगीत समीक्षक कहते हैं उसे और खूबसूरत बनाने के लिए. यह सच नहीं है. 
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