Thursday, March 7, 2013
मारीन सोरेस्कू : रेतघड़ी
रोमानियाई कवि
मारीन
सोरेस्कू
की एक कविता...
रेतघड़ी :
मारीन सोरेस्कू
(अनुवाद : मनोज पटेल)
धीमे-धीमे मैं खाली करता हूँ
या भरता जाता हूँ खुद को?
वही प्रवाह रेत का,
चाहे जिस तरफ
तुम पलट दो इसे.
:: :: ::
मारीन सोरेस्कू, मैरिन सोरेसक्यू
2 comments:
travel ufo
March 7, 2013 at 5:57 PM
सुंदर लेखन
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Raju Patel
March 10, 2013 at 2:07 PM
वाह...!!
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सुंदर लेखन
ReplyDeleteवाह...!!
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