Thursday, February 14, 2013

लेविस कैरोल की कविता

लेविस कैरोल की एक कविता... 


एक जोड़ : लेविस कैरोल 
(अनुवाद : मनोज पटेल) 

तुम्हें दे तो दिया सब  
अब और कहाँ से लाऊँ, 
अलबत्ता तुम्हें थोड़ा ही मिला हो शायद: 
दो आधे, तीन तिहाई, और चार चौथाई 
कुल इतना ही तो दिया था तुम्हें.  
            :: :: :: 

4 comments:

  1. वाह...क्या गणित है...
    प्रेम के अजीब समीकरण!!!

    अनु

    ReplyDelete
  2. या एक पूरा ..

    मैं और कहाँ से ले आऊ
    कुल इतना ही तो दिया था तुम्हें

    ReplyDelete
  3. बहुत खूब..सब दे दिया पर शायद सब मिला नहीं..

    ReplyDelete
  4. मनुष्य किसी से प्रेम करने के बावजूद अपने व्यक्तित्व का कुछ अंश ही उजागर कर पाता है.पूर्णतः समर्पित होना लगभग असंभव है.

    ReplyDelete

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...