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Thursday, February 16, 2012

एंतोनियो मचादो की कविता

एंतोनियो मचादो की यह छोटी सी कविता पढ़ें... 





 





एंतोनियो मचादो की कविता 
(अनुवाद : मनोज पटेल) 

जो आँख आप देख रहे हैं 
वह आँख इसलिए नहीं है कि आप उसे देख रहे हैं,  
बल्कि इसलिए है क्योंकि वह आपको देख रही है. 
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