Sunday, November 27, 2011

टॉमस ट्रांसट्रोमर : दस्तखत


टॉमस ट्रांसट्रोमर की एक कविता...  


दस्तखत : टॉमस ट्रांसट्रोमर 
(अनुवाद : मनोज पटेल)

मुझे पार करनी पड़ती है 
अँधेरे में डूबी चौखट.
एक हाल.
चमकता हुआ सफ़ेद दस्तावेज.
चलती-फिरती कई परछाइयां.
हर कोई दस्तखत करना चाहता है उस पर.

तब तक मुझसे आगे निकल जाता है प्रकाश 
और तह कर देता है समय को.  
                    :: :: :: 
तोमस त्रांसत्रोमर Manoj Patel 

4 comments:

  1. To read swedish poetry in my own language here has helped me in enhancing the understanding of swedish!
    Tack så mycket för översättningar!
    (अनुवाद के लिए आभार!)

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  2. बहुत ख़ूबसूरत पोस्ट, बधाई.

    कृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारें.

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  3. बहुत सुन्दर ,अनुवाद इस गहन रचना का ! धन्यवाद मनोज जी !

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