Friday, January 13, 2012

एदुआर्दो गैल्यानो : ताजमहल

एदुआर्दो गैल्यानो की किताब 'मिरर्स' से एक और कहानी... 

 

ताजमहल : एदुआर्दो गैल्यानो 
(अनुवाद : मनोज पटेल) 

सत्रहवीं शताब्दी में हिन्दुस्तान और चीन के कारखाने पूरी दुनिया में निर्मित वस्तुओं में से आधे का उत्पादन करते थे. 

शानोशौकत के उन्हीं दिनों में बादशाह शाहज़हां ने यमुना नदी के किनारे अपनी प्यारी बेगम का मकबरा, ताजमहल बनवाया. 

वह औरत और उसका मकबरा एक ही जैसे थे, उस मकबरे में दोनों ही दिन या रात के वक़्त के हिसाब से बदलते रहते थे. 

ताजमहल का नक्शा उस्ताद अहमद लाहौरी ने बनाया था जो एक ईरानी वास्तुकार एवं ज्योतिषी थे तथा जिन्हें और भी कई नामों से जाना जाता था. लोग बताते हैं कि ताजमहल को बनाने के लिए बीस हजार मजदूरों ने बीस साल तक काम किया था. इसे बनाने के लिए सफ़ेद संगमरमर, लाल रेत, हरा पत्थर, और फीरोजा बहुत दूर से एक हजार हाथियों से मंगवाए गए थे. 

लोग कहते हैं, क्या पता? शायद वह भारहीन खूबसूरती, वह तैरती हुई सफेदी हवा की बनी हुई थी. 

सन २००० के आखिर में एक हक्की-बक्की भीड़ के सामने हिन्दुस्तान के सबसे मशहूर जादूगर ने इसे दो मिनट के लिए गायब कर दिया था.   

बकौल पी सी सरकार जूनियर यह उनके जादू का कमाल था : 

"मैनें इसे गायब कर दिया था," उन्होंने कहा था. 

उन्होंने उसे गायब कर दिया था, या उसे हवा को वापस कर दिया था?   
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Manoj Patel, Mobile : 09838599333 

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