Monday, October 15, 2012

पीटर चर्चेस : चोरी करने की बीमारी

चोरी करने की बीमारी से पीड़ित एक चौर्योन्मादी. पीटर चर्चेस की एक और कविता... 


चौर्योन्मादी : पीटर चर्चेस 
(अनुवाद : मनोज पटेल) 

वह चोरी करने की बीमारी से पीड़ित थी. जब वह देख नहीं रहा होता तो अनजाने में ही वह टुकड़े-टुकड़े उसको चुराया करती और उन्हें अपने शरीर में छिपा लिया करती. उधर उसे पता था कि वह कम होता जा रहा है, लेकिन यह नहीं समझ पाता था कि कैसे और क्यों. और लो, अचानक वह गायब हो गया. मगर दिल से वह कोई चोर नहीं थी. जब उसे एहसास हुआ कि उसने क्या कर डाला है तो उसने आलिंगन समाप्त कर दिया और उसे, उसको लौटा दिया. 
                                                     :: :: :: 

7 comments:

  1. कविता जो केवल महसूस करने से पता चलती है कितनी गहन है!

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  2. वाह.....
    अद्भुत!!!!!

    शुक्रिया
    अनु

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  3. kya baat hai,is par ko'ee kya keh sakta hai,bas, adbhut.

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  4. यूँ खुद का लौटाया जाना मुझे बिलकुल अच्छा नहीं लगता ....खैर, कविता अच्छी है ! बधाई इस सुन्दर अनुवाद केलिए !

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  5. यूँ खुद का लौटाया जाना मुझे बिलकुल अच्छा नहीं लगता ....खैर, कविता अच्छी है ! बधाई इस सुन्दर अनुवाद केलिए !

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  6. अजब भावविश्व-

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