Wednesday, April 6, 2011

येहूदा आमिखाई की तीन कविताएँ


येहूदा आमिखाई की कविताएँ आप इस ब्लॉग पर पढ़ते रहे हैं, आज उनकी तीन और कविताएँ...













हवाईअड्डे के पास भेड़ों का एक झुण्ड 

हवाईअड्डे के पास भेड़ों का एक झुण्ड 
या बगीचे के बगल एक उच्च क्षमता वाला जनरेटर :
ये मेल खोल देते हैं मेरी ज़िंदगी 
किसी घाव की तरह, लेकिन वे इसे चंगा भी करते हैं.
यही वजह है कि हमेशा जोड़े में आती हैं मेरी भावनाएं.
यही वजह है कि मैं उस शख्स की तरह हूँ जो, पुर्जे-पुर्जे कर डालता है एक ख़त 
फिर, कुछ और सोचकर,  
बटोर कर उन टुकड़ों को फिर से उन्हें चिपकाता है एक-दूसरे के साथ 
बहुत तकलीफ उठाते हुए, कभी-कभी तो 
बाक़ी की अपनी पूरी ज़िंदगी.

लेकिन एक बार मैं रात में ढूढ़ने गया अपने बेटे को 
और पाया उसे, तेज रोशनी से प्रकाशित  
एक सूने बास्केटबाल के मैदान में.
वह निरा अकेला ही खेल रहा था,
और गेंद के टप्पे की आवाज़ 
इकलौती आवाज़ थी पूरी दुनिया में.   

तेल अवीव में शरद ऋतु की बारिश 

काउंटर के उस पार से 
एक मगरूर और बेहद खूबसूरत स्त्री ने 
मीठी केक का एक टुकड़ा बेंचा मुझे.
कठोर थी उसकी आँखें, समुन्दर की तरफ पीठ किए हुए थी वह.
फलक पर काले बादल 
भविष्यवाणी कर रहे थे तूफ़ान और बिजली की 
और उनका जवाब दे रही थी उसकी देंह 
अपनी झीनी पोशाक के भीतर से,
फिर भी थी वह गर्मियों की पोशाक ही,
उग्र कुत्तों की जाग की तरह.  

उस रात, एक बंद कमरे में दोस्तों के बीच,
सुना किया मैं भारी बरसात को खिड़की पर तड़तड़ाते 
और टेप पर एक मर चुके शख्स की आवाज़ :
टेप, जिसकी रील घूम रही थी 
समय की विपरीत दिशा में.   

मेरी साँसों का सहारा 

एक सिगरेट पीता हूँ :
मेरी साँसों का सहारा, ताकि देखा जा सके इसे बाहर से.

एक अखबार पढ़ता हूँ चुपचाप 
और चूर-चूर कर देता है एक सूखी, भुरभुरी केक को 
एक हाथ मेरे भीतर, 
दिल ही टुकड़े-टुकड़े कर देता है दिल के.

इकलौती संभावना मेरे लिए,
लम्बी सूची में कोई गलती,
भूल जाना, छूट जाना मेरे नाम का.  

(अनुवाद : मनोज पटेल)
Yehuda Amichai Poems in Hindi Translation 

3 comments:

  1. भविष्य वाणी कर रहे थे तूफान और बिजली की उसका जवाब दे रही थी उसकी देह .....उग्र कुत्तों की जाग की तरह .............वाह मनोज जी ...बहुत खूब दनदनाती ...इंसानी चोले की ओढ़ी खाल को क्या तो ...शब्दों के द्वारा पटा पेक्स्य किया है ....इंसानी फितरतों के बुने जाल को तार तार करती पक्न्तियाँ !आमिखाई जी की !!!!शुक्रिया !Nirmal Paneri

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