Saturday, April 30, 2011

येहूदा आमिखाई : एक रोता हुआ मुंह


येहूदा आमिखाई को अंग्रेजी अनुवादों के माध्यम से दुनिया के सामने लाने का श्रेय Modern Poetry in Translation (MPT) के संस्थापक सम्पादक टेड ह्यूज को जाता है. 1964 में जब MPT का पहला अंक तैयार हो रहा था तब इजराइल निवासी अंग्रेजी कवि डेनिस सिल्क ने उन्हें येहूदा आमिखाई की कविताओं से परिचित करवाया था और उनकी कविताएँ MPT के पहले अंक में प्रकाशित हुई थीं. बाद में टेड ह्यूज और येहूदा आमिखाई बराबर संपर्क में रहे और उन्होंने मिलकर आमिखाई की बहुत सी कविताओं के अंग्रेजी अनुवाद किए. प्रसंगवश यह भी बता दूं कि कि ये इजरायली कवि डेनिस सिल्क वही थे जिनका जिक्र आमिखाई ने अपनी एक बहुत अच्छी कविता 'बहुत बीमार था डेनिस' में किया था. इस कविता का हिन्दी अनुवाद आप अशोक पांडे एवं शिरीष कुमार मौर्य द्वारा अनुदित 'धरती जानती है' नामक संग्रह में पढ़ सकते हैं. 
यहाँ प्रस्तुत कविता एक रोता हुआ मुंह का अंग्रेजी अनुवाद भी टेड ह्यूज एवं खुद येहूदा आमिखाई द्वारा किया गया था. 









एक रोता हुआ मुंह : येहूदा आमिखाई 
(अनुवाद : मनोज पटेल) 

एक रोता हुआ मुंह और एक हंसता हुआ मुंह 
खामोश तमाशबीनों के सामने विकट लड़ाई करते हुए. 

दोनों के हाथ में आ जाते हैं मुंह, वे नोचते-खसोटते हैं एक-दूसरे का मुंह,
टकरा-टकरा कर टुकड़े-टुकड़े और लहूलुहान हो जाते हैं वे.

जब तक कि रोता हुआ मुंह हार मानकर हंसने नहीं लग गया,
जब तक कि हंसता हुआ मुंह हार मानकर रोने नहीं लग गया. 
                                 :: :: ::

3 comments:

  1. सुन्दर अभिव्यक्ति

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  2. मनोज भाई, ऐसी ही सुन्‍दर कविताएं पढ़ने आपके ब्‍लाग पर आते हैं। इसे ऐसे ही जारी रखिये।

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