अपने ख़ास अंदाज़ में एक बार फिर निकानोर पार्रा : पोप की कविताएँ
पोप की कविताएँ : निकानोर पार्रा
(अनुवाद : मनोज पटेल)
1
उन्होंने अभी-अभी मुझे पोप चुना है :
दुनिया का सबसे मशहूर आदमी हो गया हूँ मैं !
2
अब मैं चर्च संबंधी पेशे की चोटी पर हूँ
और मर सकता हूँ सुकून से
3
कार्डिनल गुस्से में हैं
उनके साथ मैं वैसा बरताव नहीं कर रहा जैसा कि किया करता था
बहुत औपचारिक ?
मगर मैं पोप हूँ, भाड़ में जाओ...
4
कल का पहला काम
मैं रहने लगूंगा वेटिकन में
5
मेरे संबोधन का शीर्षक :
चर्च संबंधी पेशे में कैसे सफल हों
6
बधाईयों की बौछार हो रही है
दुनिया के सारे अखबारों के
पहले पेज पर मेरी तस्वीर है
और एक बात तो पक्की है :
मैं अपनी असली उम्र से बहुत कम का लग रहा हूँ
7
मैं बच्चा था, तभी से
पोप बनना चाहता था
सबलोगों को इतना ताजुब्ब क्यों हो रहा है
एक कुत्ते की तरह काम किया है मैनें
वह हासिल करने के लिए जो मैं चाहता था
8
हे भगवान
इस भीड़ को आशिर्वाद देना तो भूल ही गया मैं !
आपका आभार मनोज जी पोप की रचनाओं का अनुवाद कर हम तक पहुँचाने के लिए ...!
ReplyDeleteवाह! वाह! बहुत अच्छे !
ReplyDeleteकमाल है..
ReplyDeleteशानदार कन्फेशन है ......
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