बुल्गारिया के प्रसिद्द कवि गिओर्गि गस्पदीनव का परिचय और उनकी एक कविता आप इस ब्लॉग पर पढ़ चुके हैं. आज उनकी एक और कविता, जिसका शीर्षक है - * * *
* * *
पहले कौन आया - अंडा या मुर्गी ?
जवाब है : वह नाम जो गैरहाजिर है.
गास्तिन
शुरुआत में
मुर्गी और अंडा
चुपचाप बैठे हुए
एक दूसरे के सामने
उन्हें नहीं मालूम
कि किसे बोलना चाहिए
पहला शब्द
(या शब्द का अस्तित्व नहीं है
या शब्द अभी तक अज्ञात है)
तो वे बैठे रहते हैं गूंगे बने
और कोई नहीं
कहता
माँ
+ +
(अनुवाद : मनोज पटेल)
vaah yaar , tumhaara kaam gzab ka hai sabse alag .dunia bhar ke lekhko ka hindi mai translation . yhaan hindostan mai is par kaam bhut hee viral hua hai . sirf soviat sangh ke smay mai hota tha ..... gd ....:)
ReplyDeleteवाह यार , तुम्हारा काम खूबसूरत है सबसे अलग | दुनियाभर के लेखकों का हिंदी में अनुवाद ! वो भी जिन्दा | यहाँ हिन्दोस्तान में इस पर बहुत ही विरल काम हुआ है | पहले होता था , सोवियत संघ के काल में , उसके बाद सिर्फ आपने किया है ये काम ...............
ReplyDeleteसर्वप्रथम माँ का अस्तित्व होता है ,यह तो निर्विवाद है !
ReplyDeleteसुन्दर कविता ! आभार ,मनोज जी !
बहुत खूब ! और कोई नहीं कहता माँ, तभी अबूझ है यह पहेली !
ReplyDeleteकविता तो सुन्दर है ही ..और भी सुन्दर है अनीता जी का कमेंट- कोई नहीं करता मां, तभी अबूझ है यह पहेली-वाह वाह
ReplyDeletelovely work...keep doing..pranam...
ReplyDeleteBadhiya kavita.... abhaar...
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