Monday, November 22, 2010

निकानोर पार्रा की कविताएँ

( 1914 में जन्मे निकानोर पार्रा पाब्लो नेरुदा के साथ चिली के सबसे महत्वपूर्ण कवियों में शुमार किए जाते हैं. इस गणितज्ञ कवि को कई बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया जा चुका है. पार्रा खुद को 'एंटी-पोएट'  कहते हैं और कविता में ही कह चुके हैं कि, "मैं अपना कहा हुआ सबकुछ वापस लेता हूँ....." - Padhte Padhte )

अदला-बदली 
30 साल की एक लड़की को 
मैनें बदल लिया 15 साल की 2 बूढ़ी औरतों से 

शादी के केक को बदल लिया 
बिजली से चलने वाली व्हील चेअर से 

मस्तिष्क ज्वर से पीड़ित एक बिल्ली को बदला 
18वीं सदी की एक उकेरी हुई कलाकृति से 

लगातार धधक रहे ज्वालामुखी को 
बहुत कम इस्तेमाल हुए एक हेलीकाप्टर से बदला 

एक क़त्ल को बदला मैनें एक नामी ब्रांड से 

और बाएँ जूते को बदल लिया दाएं जूते से. 
                      * *
कीकर के फूल 
बहुत साल पहले कीकर के खिले फूलों से ढँकी
सड़क पर टहलते हुए 
सबकुछ जानने वाले एक दोस्त से पता चला था 
कि शादी हो गई तुम्हारी.
उससे कह दिया था मैनें 
कि कुछ लेना-देना नहीं मुझे इससे 
कि मैनें कभी नहीं किया तुमसे प्यार 
- यह तो तुम जानती हो मुझसे बेहतर - 
फिर भी जब भी खिलते हैं कीकर के फूल 
- तुम विश्वास नहीं करोगी - 
वैसा ही एहसास होता है मुझे 
जब मुझ पर दे मारी थी उसने 
यह दिल तोड़ देने वाली खबर 
कि तुमने शादी कर ली है किसी और से. 
                     * * 
रोलर कोस्टर 
आधी सदी तक 
पाखंडी मूर्खों की 
स्वर्ग थी कविता. 
फिर मैं आया 
और बनाया अपना रोलर कोस्टर. 

ऊपर जाओ, अगर मन करे तुम्हारा.
लेकिन मैं नहीं होउंगा जवाबदेह 
अगर नीचे आओ तुम 
लहूलुहान मुंह और नाक लिए. 
             * *
(अनुवाद : Manoj Patel)
Nicanor Parra              

1 comment:

  1. Kamaal ka anuvaada hai Bhaiya.. Kavitaaen bhi beshak.. Badhaai..

    Shrikant

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