राशिद हुसैन (1936 - 1977) एक प्रमुख फिलिस्तीनी कवि और वक्ता थे. उनका पहला कविता संग्रह 1957 में प्रकाशित हुआ था. उन्होंने 1959 के लैंड मूवमेंट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 1966 के बाद वे सीरिया, लेबनान और न्यूयार्क में रहे. फरवरी 1977 में न्यूयार्क में ही उनका निधन हो गया.
पासपोर्ट के बिना : राशिद हुसैन
(अनुवाद : मनोज पटेल)
मैं पैदा हुआ था बिना पासपोर्ट के
बड़ा हुआ
और देखा अपने वतन को
जेल बनते
पासपोर्ट के बिना
इसलिए मैनें एक वतन उगाया
एक सूरज
और गेहूं
हर घर में
मैनें देख-रेख किया उसके पेड़ों की
अपने गाँव के लोगों के चेहरे पर हँसी खिलाने के लिए
सीखा कविताएँ लिखना
पासपोर्ट के बिना
मैनें जाना कि उसे अच्छी नहीं लगती बारिश
जिसका वतन चुरा लिया गया हो
अगर वह कभी लौट सके अपने वतन, वह लौटेगा
पासपोर्ट के बिना
मगर मैं आजिज आ चुका हूँ दिमागों से
जो होटल बन चुके हैं ऎसी तमन्नाओं के
जो बाँझ हैं, जब तक कि
न हो पासपोर्ट
पासपोर्ट के बिना
मैं आया तुम तक
और बगावत की तुम्हारे खिलाफ
तो मार डालो मुझको
शायद तब मुझे एहसास होगा कि मर रहा हूँ
पासपोर्ट के बिना
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पासपोर्ट के बिना एक बेहद संवेदनशील रचना है, वतन को जेल बनते हुए देखना और उसे ऐसा न बनने देने की कोशिश का दर्द इसमें साफ झलकता है.. आभार!
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