एइलीन कोस्नर की कविता ...
खून का रिश्ता : एइलीन कोस्नर
(अनुवाद : मनोज पटेल)
कोई रेखा नहीं खिंची है
हम माँ बेटे के बीच.
तुम मेरा पुरुष चेहरा हो.
जब तुम अपने हाथों में लेते हो मेरा हाथ
जैसे मेरा दायाँ हाथ पकड़ लेता है बाएँ हाथ को.
किसी भूकंप लेखी की तरह
तुम दर्ज करते हो मेरे कम्पन.
अपने शब्दों में तुम बोलते हो
मेरे ख़यालों को.
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बहुत सुंदर कविता.......
ReplyDeletebahut hi khoobsoorat hai
ReplyDeletewaah...
ReplyDelete'अपने शब्दों मे तुम बोलते हो
ReplyDeleteमेरे ख़यालों को '...........!!!
'तुम मेरा पुरुष चेहरा हो '
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ! हमारी संतान तो हमारा ही नया संस्करण है !आभार मनोज जी !
nice poem.
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