माइआ अंजालो की यह छोटी सी कविता देखिए...
ताजुब्ब : माइआ अंजालो
(अनुवाद : मनोज पटेल)
एक दिन
वर्तमान के अमृत को
पीकर
अपना रास्ता बुनता है
तमाम वर्षों के बीच से
खुद को रात के
मामूली घर में सुला देने
और फिर कभी न देखे जाने के लिए.
क्या मैं
कुछ कम मरी होऊंगी
क्योंकि मैनें यह कविता लिख डाली
या तुम कुछ ज्यादा
क्योंकि इसे पढ़ा तुमने
अब से सालों बाद.
Maya Angelou ki Kavita ka Hindi Anuvad

अद्भुत कविता !
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