Wednesday, May 15, 2013

डोरोथिया ग्रासमैन : तुम्हें बताना है

डोरोथिया ग्रासमैन की एक कविता... 

तुम्हें बताना है  :  डोरोथिया ग्रासमैन 
(अनुवाद : मनोज पटेल) 

तुम्हें बताना है 
कभी-कभी होता है यूँ भी 
कि सूरज बजा देता है मुझे 
किसी घंटे की तरह,  
और मुझे याद आ जाता है सब कुछ, 
तुम्हारे कान भी. 
            :: :: :: 

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