हंगरी की कवयित्री मोनिका मेस्टरहाज़ी की एक कविता...
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देश और काल : मोनिका मेस्टरहाज़ी
(अनुवाद : मनोज पटेल)
एफ. ए. के प्रति
उन्हें नहीं पता कैसे पढ़ी जाती हैं कविताएँ:
वे पढ़ नहीं पाते जो लिखा होता है
दो पंक्तियों के बीच.
:: :: ::
वाह!
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