Sunday, August 21, 2011

खून का रिश्ता

एइलीन कोस्नर की कविता ...



खून का रिश्ता : एइलीन कोस्नर 
(अनुवाद : मनोज पटेल)

कोई रेखा नहीं खिंची है 
हम माँ बेटे के बीच.
तुम मेरा पुरुष चेहरा हो. 

जब तुम अपने हाथों में लेते हो मेरा हाथ
जैसे मेरा दायाँ हाथ पकड़ लेता है बाएँ हाथ को.

किसी भूकंप लेखी की तरह 
तुम दर्ज करते हो मेरे कम्पन.

अपने शब्दों में तुम बोलते हो 
मेरे ख़यालों को.
               :: :: :: 

6 comments:

  1. बहुत सुंदर कविता.......

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  2. 'अपने शब्दों मे तुम बोलते हो
    मेरे ख़यालों को '...........!!!

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  3. 'तुम मेरा पुरुष चेहरा हो '

    बहुत सुन्दर ! हमारी संतान तो हमारा ही नया संस्करण है !आभार मनोज जी !

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