डेज़ी ज़मोरा का जन्म १९५० में निकारागुआ के एक संपन्न परिवार में हुआ था. कवि, चित्रकार और मनोवैज्ञानिक होने के साथ-साथ उन्होंने तानाशाही के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष में भी भाग लिया था. १९७९ की क्रान्ति के बाद नई सरकार में मंत्री के रूप में भी कार्य किया. उनके कई कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं.
क्यूंकि : डेज़ी ज़मोरा
(अनुवाद : मनोज पटेल)
क्यूंकि मेरे पास नहीं हैं ऐसे प्यारे शब्द
जिनकी जरूरत है मुझे
आसरा लेना होता है अपने कामों का
तुमसे बातें करने के लिए.
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Manoj Patel Translations


आसरा लेना होता है अपने कामों का तुमसे बातें करने के लिए...
ReplyDeleteइससे प्यारा भी प्यार क्या होगा...
वाह ! यह छोटी सी कविता अपने आप में एक महाकाव्य है.
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