Friday, October 7, 2011

दुनिया से जाते हुए

विवियन लैमरक का जन्म 1946 में उत्तरी इटली क्षेत्र के ट्रेंटो के पास टेसेरो नामक स्थान पर हुआ था, मगर एक वर्ष से भी कम की उम्र से वे मिलान में रह रही हैं. उन्होंने बहुत सालों तक अध्यापन कार्य किया है. द गोल्ड जेंटलमैन, पोयम्स इन द फार्मल, द जेंटलमैन आफ द फ्राईतेंड वंस, आदि उनकी कई किताबें प्रकाशित हो चुकीं हैं जिन्हें कई पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं. उनकी इस कविता का इटैलियन से अंग्रेजी में अनुवाद पीटर कोविनो ने किया है.













छुट्टियां ख़त्म होने पर : विवियन लैमरक 
(अनुवाद : मनोज पटेल)

छुट्टियां ख़त्म होने पर ट्रेन की खिड़की से देखना 
उन लोगों को जो अभी तक मस्ती कर रहे हैं समुद्र तट पर 
अभी ख़त्म नहीं हुईं हैं उनकी छुट्टियां :
क्या ऐसा ही लगेगा, ऐसा ही लगेगा क्या 
दुनिया से जाते हुए. 
                    :: :: ::
Manoj Patel Translations, Manoj Patel's Blog 

2 comments:

  1. बहुत गहरे भाव लिए बढ़िया प्रस्तुति ...शायद यही सच हो ....

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