रोक डाल्टन की कविता...
अकड़ : रोक डाल्टन
(अनुवाद : मनोज पटेल)
बहुत शानदार मौत होगी मेरी
मेरे पाप चमकेंगे पुराने नगों की तरह
विष की सुखद आभा के साथ
हर तरह की सुगंध खिलेगी मेरी कब्र से
मेरी सबसे बड़ी खुशियों के किशोरवय संस्करण
और दुख की मेरी गुप्त बातें
शायद कोई कहे कि मैं सच्चा था या फिर भला
मगर सिर्फ तुम याद करोगी
कैसे मैं झांकता था तुम्हारी आँखों में
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Manoj Patel Padhte Padhte


बहुत खुबसूरत रचना..
ReplyDeletemaut ki tarh kavita bhi bahut shandaar hai...
ReplyDeletesheshnath