Saturday, October 29, 2011

एर्नेस्तो कार्देनाल की कविताएँ

एर्नेस्तो कार्देनाल की 'सुभाषित' श्रृंखला से कुछ और कविताएँ...



एर्नेस्तो कार्देनाल की कविताएँ 
(अनुवाद : मनोज पटेल)

जब तुम होती हो न्यूयार्क में 
न्यूयार्क में कोई और नहीं होता 
और जब तुम नहीं होती हो न्यूयार्क में 
न्यूयार्क में कोई भी नहीं होता 
               :: :: :: 

अगर अप्रैल बगावत के दौरान 
औरों के साथ मार दिया गया होता मैं भी 
तो जान नहीं पाया होता तुम्हें :
और अगर अब हुई होती अप्रैल बगावत 
मार ही दिया गया होता मैं औरों के साथ 
               :: :: ::  

बारिश की भारी बूँदें जैसे 
सीढ़ियाँ चढ़ रहे क़दमों की आहट
और दरवाजे से टकराती हवा 
जैसे अन्दर आने वाली हो कोई स्त्री 
               :: :: ::  
Manoj Patel Padhte Padhte अर्नेस्तो कार्देनाल 

1 comment:

  1. jab tum nahin hoti ho ....aur koi bhi nahi hota

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