आज अफ़ज़ाल अहमद सैयद के संग्रह 'छीनी हुई तारीख' से यह कविता...
विल्स स्ट्रीट में एक शाम : अफ़ज़ाल अहमद सैयद
(लिप्यंतरण : मनोज पटेल)
जब मैं गिर गया
अपने दिल पर हाथ रखकर
तुम्हारे सामने
जब मैं गिर गया
उन लोगों की पहुँच के अन्दर
जिन्होनें
मुझे जख्मी कर दिया था
जब मैं गिर गया
और खड़ा किया गया
खड़ा किया गया
और मार दिया गया
तालियों के शोर
और तुम्हारे शुक्रिए
के दरमियान
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Afzal Ahmed Syed (افضال احمد سيد) An Arrogated Past چھينی ہوئ تاريخ
Sahee..
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