टॉमस ट्रांसट्रोमर की एक कविता...
दस्तखत : टॉमस ट्रांसट्रोमर
(अनुवाद : मनोज पटेल)
मुझे पार करनी पड़ती है
अँधेरे में डूबी चौखट.
एक हाल.
चमकता हुआ सफ़ेद दस्तावेज.
चलती-फिरती कई परछाइयां.
हर कोई दस्तखत करना चाहता है उस पर.
तब तक मुझसे आगे निकल जाता है प्रकाश
और तह कर देता है समय को.
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तोमस त्रांसत्रोमर Manoj Patel

To read swedish poetry in my own language here has helped me in enhancing the understanding of swedish!
ReplyDeleteTack så mycket för översättningar!
(अनुवाद के लिए आभार!)
बहुत ख़ूबसूरत पोस्ट, बधाई.
ReplyDeleteकृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारें.
Fine..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ,अनुवाद इस गहन रचना का ! धन्यवाद मनोज जी !
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