Tuesday, November 29, 2011

अब्बास कियारोस्तामी : दुविधा में मधुमक्खी

मशहूर इरानी फिल्मकार अब्बास कियारोस्तामी की कुछ कविताएँ आप इस ब्लॉग पर पहले पढ़ चुके हैं, आज प्रस्तुत हैं कुछ और कविताएँ...











अब्बास कियारोस्तामी की कविताएँ 
(अनुवाद : मनोज पटेल)

हजारों खिले फूलों के बीच 
दुविधा में है 
मधुमक्खी. 
:: :: :: 

धूसर आसमान की दरार से 
रोशनी का एक कतरा 
गिरता है 
बसंत के पहले फूल पर.
:: :: :: 

अंकुरित हुआ  
खिला 
मुरझाया  
और जमीन पर गिर पड़ा. 
किसी ने देखा भी नहीं उसे. 
:: :: :: 

सींचा जा रहा है 
एक काक-भगौड़ा 
खेत के बीचोबीच
:: :: :: 
Manoj Patel 

2 comments:

  1. 'अंकुरित हुआ , खिला मुरझाया और ज़मीन पर गिर पड़ा किसी ने देखा भी नहीं उसे..' बस इतने ही शब्द और कह दी गयी पूरी गाथा!!!
    अनुवाद के लिए आभार!

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