मशहूर इरानी फिल्मकार अब्बास कियारोस्तामी की कुछ कविताएँ आप इस ब्लॉग पर पहले पढ़ चुके हैं, आज प्रस्तुत हैं कुछ और कविताएँ...
अब्बास कियारोस्तामी की कविताएँ
(अनुवाद : मनोज पटेल)
हजारों खिले फूलों के बीच
दुविधा में है
मधुमक्खी.
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धूसर आसमान की दरार से
रोशनी का एक कतरा
गिरता है
बसंत के पहले फूल पर.
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अंकुरित हुआ
खिला
मुरझाया
और जमीन पर गिर पड़ा.
किसी ने देखा भी नहीं उसे.
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सींचा जा रहा है
एक काक-भगौड़ा
खेत के बीचोबीच.
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Manoj Patel
Badi hi Adbhut Kavita...
ReplyDeleteजस्ट डायल डॉट कॉम धोखाधड़ी, लूट खसोट Just Dial.com Scam/ Fraud
'अंकुरित हुआ , खिला मुरझाया और ज़मीन पर गिर पड़ा किसी ने देखा भी नहीं उसे..' बस इतने ही शब्द और कह दी गयी पूरी गाथा!!!
ReplyDeleteअनुवाद के लिए आभार!