Saturday, November 19, 2011

एलिस वाकर : आने वाली है वह दुनिया अरुंधती

आक्युपाई वाल स्ट्रीट आन्दोलन ने दुनिया भर के साहित्यकारों/बुद्धिजीवियों को उद्वेलित किया है. इस ब्लॉग पर आप आन्दोलन से सम्बंधित स्लावोज ज़िज़ेक, राबर्ट रीच और अरुंधती राय के भाषण पहले ही पढ़ चुके हैं. अपने उपन्यास 'द कलर पर्पल' के लिए पुलित्ज़र पुरस्कार प्राप्त लेखिका/कवियत्री एलिस वाकर ने इस आन्दोलन के समर्थन में यह कविता लिखी है... 













हम ही हैं दुनिया अपनी चाहतों की : एलिस वाकर 
(अनुवाद : मनोज पटेल)

जोश से भर उठता है मेरा दिल 
आपके उत्साहित चेहरों को देखकर 
वे "आहा!" निगाहें 
आखिरकार चमकती हुईं 
इतनी सारी खुली आँखों में. 
हाँ, 99% हैं हम 
हम सभी 
इनकार करते हुए 
एक-दूसरे को भूलने से 
चाहे जो टुकड़े डाले जा रहे हों 
हमारी भूख में 
1% द्वारा.
आने वाली है वह दुनिया, अरुंधती  
और अब हम सुन सकते हैं 
उसकी आहट. 
हम ही हैं दुनिया अपनी चाहतों की, एकजुट 
और दाखिल होते हुए उसमें.   
                    :: :: :: 
Manoj Patel 

2 comments:

  1. श्रम की शक्ति को पहचानना अनिवार्य हो गया है.

    ReplyDelete
  2. " आने वाली है वह दुनिया, अरुंधति !!"

    ReplyDelete

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...