अर्जेंटीना के कवि राबर्टो जुअर्रोज़ की थर्ड वर्टिकल पोएट्री से एक कविता...
राबर्टो जुअर्रोज़ की कविता
(अनुवाद : मनोज पटेल)
दोपहर के उजाले में
जलती हुई एक बत्ती,
प्रकाश में विलीन होता एक प्रकाश.
और खंडित हो जाता है प्रकाश का सिद्धांत :
यह बड़ा प्रकाश है जो पीछे हटता है
मानो एक पेड़ को गिरना हो अपने फल से.
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Manoj Patel Blogger

satya Hitra Dubey
ReplyDeleteविदेशी भाषाओं की कविता के अनुवाद से हिंदी की श्री बृद्धि करने के लिए मनोज आप को बहुत बहुत बधाई.
प्रकाश में बिलीन होता एक प्रकाश .........सुंदर अभिव्यक्ति .....आभार...!!!!
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