Tuesday, December 27, 2011

राबर्टो जुअर्रोज़ की कविता

अर्जेंटीना के कवि राबर्टो जुअर्रोज़ की थर्ड वर्टिकल पोएट्री से एक कविता...

 
राबर्टो जुअर्रोज़ की कविता 
(अनुवाद : मनोज पटेल)

दोपहर के उजाले में 
जलती हुई एक बत्ती,
प्रकाश में विलीन होता एक प्रकाश.  

और खंडित हो जाता है प्रकाश का सिद्धांत : 
यह बड़ा प्रकाश है जो पीछे हटता है  
मानो एक पेड़ को गिरना हो अपने फल से. 
                    :: :: :: 
Manoj Patel Blogger 

2 comments:

  1. satya Hitra Dubey

    विदेशी भाषाओं की कविता के अनुवाद से हिंदी की श्री बृद्धि करने के लिए मनोज आप को बहुत बहुत बधाई.

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  2. प्रकाश में बिलीन होता एक प्रकाश .........सुंदर अभिव्यक्ति .....आभार...!!!!

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