जिबिग्न्यु हर्बर्ट की एक और कविता...
हृदय : जिबिग्न्यु हर्बर्ट
(अनुवाद : मनोज पटेल)
सभी मनुष्यों के आंतरिक अंग गंजे और चिकने होते हैं. अमाशय, आंतें और फेफड़े गंजे होते हैं. सिर्फ हृदय में केश होते हैं - लाल रंग के, घने और कभी-कभी काफी लम्बे भी. यह एक समस्या है. हृदय के केश, जलीय पौधों की तरह रक्त के प्रवाह में बाधा डालते हैं. केश प्रायः कीटों से भरे होते हैं. आपको अपनी प्रेमिका के हृदय के केशों से इन फुर्तीले परजीवियों को निकालने के लिए बहुत गहराई से प्यार करना होगा.
:: :: ::
Manoj Patel, Blogger & Translator
vaah!
ReplyDeleteवाह ! अनोखी कविता !
ReplyDeleteविना केश वाली सुंदर कविता ......!!
ReplyDeletewah adbhud kavita
ReplyDelete