एंतोनियो पोर्चिया की कविताओं के क्रम में...
आवाजें : एंतोनियो पोर्चिया
(अनुवाद : मनोज पटेल)
महत्वपूर्ण और महत्वहीन एक जैसे होते हैं,
केवल शुरूआत में.
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जब तुम और सत्य मुझसे बातें करते हैं तो मैं सत्य की नहीं सुनता.
मैं तुम्हारी सुनता हूँ.
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अब मैं तुम्हारा और इंतज़ार नहीं कर सकता.
क्योंकि तुम आ गए हो.
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वह सपना गायब हो जाता है,
जिसे सपने की खुराक नहीं मिलती.
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अंतोनियो पोर्चिया, एंटोनियो पोर्चिया
"महत्वपूर्ण और महत्वहीन एक जैसे होते हैं,
ReplyDeleteकेवल शुरुआत में...
वह सपना गायब हो जाता है,
जिस सपने की खुराक नहीं मिलती." सर्वकालिक सत्य जिन्हें सलीक़े से प्रस्तुत किया है, कवि ने.
वाह!
ReplyDeleteBahut sundar!
ReplyDeleteछोटे से किन्तु महत्त्वपूर्ण......
ReplyDeleteजब तुम और सत्य बातें करतें हैं ......तुम्हारी सुनता हूँ......वाह क्या बात है....?...सत्य से भी महत्वपूर्ण ....आप.....!!
ReplyDeleteजब तुम और सत्य बातें करतें हैं ......तुम्हारी सुनता हूँ......वाह क्या बात है....?...सत्य से भी महत्वपूर्ण ....आप.....!!
ReplyDeleteबेशकीमती !
ReplyDeleteबेहतरीन !
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